मानव रचना में वर्ल्ड फूड डे पर भूखे पेट सोने वालों पर चर्चा हुई

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Faridabad News, 16 Oct 2019 : वर्ल्ड फूड डे के मौके पर मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में अलग-अलग तरह का खाना औऱ पोषण पर चर्चा की गई। इस साल वर्ल्ड फूड डे का थीम ‘हेल्दी डाइट फॉर ज़ीरो हंगर वर्ल्ड’ है। इसी विषय पर एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी। यह कार्यक्रम फूड साइंटिस्ट्स एंड टेकनॉलोजीस (इंडिया) दिल्ली चैप्टर, मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिं और पीएचडी कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से आयोजित किया गया था।

अपने संबोधन के दौरान पीएचडी कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन डॉ. आरएस खन्ना ने कहा, आज के समय में गर्भवति महिलाओं को पोषण नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा, मॉडर्न खाना पेट तो भरता है लेकिन उसमें पोषण नहीं हैं, जिसकी वजह से या तो बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं या फिर कुपोषण का। उन्होंने मनीला की एक रिपोर्ट के आधार पर बताया, कि आजकल माता-पिता के पास समय नहीं हैं, जिसकी वजह से बच्चों की डाइट पर बुरा असर पड़ रहा है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे एफएसएसआई से रिटायर्ड आईएएस वीएन गौर ने कहा, अपनी थाली में खाना छोड़ने से पहले भूखे लोगों के बारे में सोचना चाहिए। हमें पानी और भूमि का खास ख्याल करना होगा, क्योंकि आज के समय में मौसम में बदलाव आने से भी खेती पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा वर्ल्ड फूड डे एक त्यौहार नहीं विचार करने का दिन है।

कार्यक्रम में एमआरआईआईआरएस के वीसी डॉ. संजय श्रीवास्तव, प्रो वीसी डॉ. एमके सोनी, गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. एसएस घोंकरोक्ता, डॉ. ए माधवन, फैकल्टी ऑफ अप्लाइड साइंसिस के फैकल्टी मेंबर्स और 300 छात्र मौजूद रहे।

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