Faridabad News : एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल ने अपने प्रांगण में एक सार्वजनिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सार्वजनिक काउंसलिंग में मोटापा और उससे होने वाली गंभीर समस्याओं पर चर्चा की गई। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट एवं एचओडी मिनिमल इंवेसिव, मेटाबाॅलिक एंड बैरियाट्रिक सर्जरी डॉ. पंकज कुमार हंस ने लोगों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में करीब 150 लोग शामिल हुए और उन्होंने मोटापे से संबंधित जानकारी हांसिल की। इस दौरान डॉ. पी.एस आहुजा और सीनियर डाइटीशियन डाॅ. शिल्पा ठाकुर ने भी लोगों को संबोधित किया। इस कैम्प में आने वाले मरीजों की जांच डायरेक्टर जनरल, मिनिमल इंवेसिव एंड बैरियाट्रिक सर्जरी डाॅ. वेद प्रकाश ने भी परामर्श दिया।
डॉ. पंकज कुमार हंस ने बताया कि कुछ बीमारियां तो कुदरत की देन होती हैं, लेकिन कुछ बीमारियों को हम अपनी गलत आदतों के कारण अपनाते हैं। इनमें मुख्य है मोटापा। मोटापा इंसान को निष्क्रिय बना देता है। इसलिए मैं हर व्यक्ति को नियमित रूप से व्यायाम करने और संतुलित आहार के सेवन की सलाह देता हूं, ताकि आप हर प्रकार की बीमारी से बचे रहें। मोटापा एक गंभीर समस्या है जो वर्तमान जीवनशैली, अनियंत्रित खान-पान और शारीरिक श्रम न करने के कारण बढ़ती जा रही है। आज के समय में मोटापा एक विश्व स्तरीय स्वास्थ्य खतरा है। उन्होने बताया कि वर्तमान में 5 में से 1 व्यक्ति अधिक वज़न और मोटापे की समस्या से जूझ रहा है। पहले इसे अमीर देशों की समस्या माना जाता था, लेकिन समय के साथ कम और मध्यम आय वाले देशों में मोटे और अधिक वज़न वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मोटापा क्या हैः कि मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो मोटापा मधुमेह, थायराइड, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि से संबंधी अन्य गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। साथ ही शरीर बेडौल और भद्दा नजर आता है। डॉ. पंकज का कहना है कि पहले उम्रदराज लोगों को बीमारियां अपनी चपेट में लेती थीं, लेकिन मोटापे का शिकार होने वाले लोगों में आज का युवा वर्ग व बच्चे भी शामिल हैं। मोटापे से ग्रस्त लोग वजन कम करने के लिए विभिन्न तरीके ढूंढते और अजमाते रहते हैं, लेकिन वजन बढ़ने के कारणों को जानने की कोशिश भी नहीं करते। अगर इनके कारणों को जानकार उनको हल किया जाए तो मोटापे से बचा जा सकता है। हम इस समस्या का समाधान स्वयं निकाल सकते हैं।
मोटापा के कारणः मोटापे का मुख्य कारण आलस, गलत खान-पान, किसी तरह की बीमारी जैसे- पैरों या घुटनों की समस्या, वंशानुगत समस्या या गतिहीन जीवनशैली हो सकते हैं।
मोटापे से बचावः शारीरिक श्रम, नियमित व्यायाम, सुबह-शाम सैर आदि के माध्यम से मोटापे से बच सकते हैं।
संतुलित आहार का सेवन करें।
मीठे के अत्याधिक सेवन से बचें।
पर्याप्त नींद लें।
तनाव से बचें।
जंक-फूड का सेवन न करें।
थायराइड की जांच करानी चाहिए।
किन लोगों को बेरिएट्रिक सर्जरी की जरूरत होती है। ऐसे लोग जिनकी बीएमआई 37.5 से ज्यादा बिना किसी अन्य बीमारी के या फिर डायबिटीज़ या उच्च रक्तचाप इत्यादि बीमारियों के साथ होती है उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी की जरूरत होती हैै। बीएमआई यानि बॉडी मास इंडेक्स जिसके माध्यम से व्यक्ति के वजन और लंबाई का आंकलन किया जाता है।
बीएमआई (ICMR) स्वास्थ्य (ICMR)
18.5 से नीचे सामान्य से कम वजन
18.5 से 22.9 सामान्य
23 से 24.9 सामान्य से अधिक
25 से 30 मोटापा
30 से 37.5 अति मोटापा
37.5 से अधिक अस्वस्थ मोटापा
डॉ. पंकज कुमार हंस ने बताया कि बेरिएट्रिक सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली नवीनतम तकनीकों और उपकरणों के बारे में जानकारी दी और यह भी बताया कि इस सर्जरी में खून का बहाव बहुत ही कम होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सर्जरी से न केवल उपचार सुरक्षित होता है बल्कि इसके बाद रोगी उसी दिन उठना, बैठना, चलना और तरल पदार्थों का सेवन करने में सक्षम होता है। इसके अलावा मरीज को 3 दिन के भीतर अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है और उसको 5 साल तक नियमित देखभाल और खान-पान का भी नियमित पालन करना होता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में मरीजों का बढ़ा हुआ वज़न 70 प्रतिशत तक कम हो जाता है और वो उस वज़न को कायम रख पाते हैं। इससे एक लाभ यह भी है कि मोटापे को कम करने के साथ शुगर भी खत्म की जा सकती है। जो लोग खान-पान कंट्रोल करके और व्यायाम करके भी अपना वज़न करने में असफल हो जाते हैं उनके लिए बेरिएट्रिक सर्जरी बेहद लाभदायक साबित होती है। कार्यकम में भाग लेने वाले लोगों ने विशेषज्ञों से मोटापे की समस्या से संबंधित कुछ प्रश्र पूछे और विशेषज्ञों ने उनके सवालों के संतोषजनक उत्तर दिए। इसके अलावा सीनियर डाइटीशियन डाॅ. शिल्पा ठाकुर ने बेरिएट्रिक मरीजों को हेल्दी डाइट के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा उन्होने बताया कि किस प्रकार अपने रोजाना के खाने में इस्तेमाल होने वाली दाल, सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थो को बंद किए बिना वजन नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम में आने वाले लोगों का निःशुल्क बीएमआई और डाइट काउंसलिंग की गई।