महाराणा प्रताप की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित

0
1662
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : महाराणा प्रताप राजपूत सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष किशन ठाकुर के नेतृत्व में महाराणा प्रताप की जयंती पर फरीदाबाद में पहली बार विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमें हजारो की तादात में उपस्थित लोगों ने महाराणा प्रताप जयहिंद के नारे लगाये। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में फरीदाबाद के पूर्व सांसद श्री अवतार सिंह भडाना, विशिष्ट अतिथि के रूप में तिगांव विधानसभा के वरिष्ठ भाजपा नेता श्री राजेश नागर ने शिरकत की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदीप राणा ने किया। इस अवसर पर शिव शंकर भारद्वाज, रोहताश पहलवान, अनिल सिंगला समाजसेवी, पूर्व पार्षद योगेश ढींगडा मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर अवतार सिंह भडाना, राजेश नागर व किशन ठाकुर का क्षेत्र की सरदारी ने फूलो की माला व पगडी पहनाकर जोरदार स्वागत किया।  समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री अवतार सिंह भडाना ने कहा कि उन्होने कहा कि इसी मंदिर से उन्होंने अपनी राजनीति शुरू की थी। आज के दिन महाराणा प्रताप के जन्मदिवस पर उन्हें जो यह मौका दिया है उसके लिए मैं सदैव आभारी रहुंगा। उन्होंने कहा कि किशन ठाकुर को यहां से लेकर लखनऊ तक जानते है वह किसी पहचान का मोहताज नही है। श्री भडाना ने कहा राजपूतो के वंशजो को बचाने का काम पन्नाधाय ने किया था । उन्होने कहा कि मुझे सदैव फरीदाबाद के जन जन, गरीब, हर बिरादरी का प्यार मिला है। इस प्यार को लेकर सदैव मुझे ताकत मिली है।

इस मॉ के दरबार पथवारी मंदिर पर 36 बिरादरी के सम्मानित लोग मौजूद है मै एक ही बात कहना चाहता हूं कि इस पथवारी मंदिर में मॉ से वर्षो पहले आया था और मुझे फरीदाबाद के लोगो की सेवा करने का मौका मिला और आज भी मैं मॉ से यह पूछने आया हूं कि मॉ मैं फरीदाबााद वासियो की सेवा करूं या फिर यहां से बाहर के लोगो की सेेवा करूं। अगर मेरी आवाज मॉ तक पहुंच गयी तो अवश्य  ही वह मुझे आदेश देगी कि वह फरीदाबाद के लोगो की सेवा करें या फिर बाहर के लोगो की सेवा। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 ई में चितौड़ के एक राजघराने में हुआ था। महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह ने अकबर की विशाल सेना से भयभीत होकर उदयपुर को अपनी राजधानी बनाया। 1572 में अपने पिता की मृत्यु के बाद महारराणा प्रताप उदयपुर के राजा बने। महाराणा प्रताप अपने दादा राणा सांगा के समान एक अच्छे योद्धा थे। उनके पिता द्वारा, अकबर से डरकर चितौड़ छोडऩा उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था। वह चितौड़ को अकबर के चंगुल से छुड़वाना चाहते थे। अत: उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वह जब तक चितौड़ वापस नहीं ले लेंगे तब तक से भूमि पर सोयेंगेए पत्तों पर भोजन करेंगे व अपनी मूछों पर ताव नहीं देंगे।

इस अवसर पर भाजपा नेता राजेश नागर ने कहा कि महाराणा प्रताप नीतिकुशल सम्राट था। उन्होने बहुत से राज्यों को जीता था। उन्होने कहा कि वह भारत माँ के सच्चे सपूत थे। उनकी वीरता और देशभक्ति के कारण आज भी उन्हें स्मरण किया जाता है। इस मौके पर किशन ठाकुर ने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे शौर्य और वीर सपूतों को आज भारत देश ही नहीं विदेशो में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि राजपूत सदैव देश के लिए मर मिटने का काम करते आये है और सदैव करेंगे क्योकि वह ना तो भ्रष्टाचार सहते है और ना ही भ्रष्टाचार करने वालों को सहेंगे। उनहोंने कहा कि अवतार सिंह भडाना, राजेश नागर जैसे वरिष्ठ नेतागण यहां उपस्थित रहे उसके लिए वह उनका आभार जताते है साथ ही यहां उपस्थित 36 बिरादरी के लोगो का भी वह हाथ जोडकर नमन: करते है जिन्होंने मेरे एक बुलावे पर इस कार्यक्रम को सफल बनाया।  इस अवसर पर  प्रदीप राणा, कुलदीप सरपंच, बलजीत कौशिक, बॉबी रावत, प. रोहताश पहलवान, प. मुकेश शास्त्री ठा. राजाराम, रमेश दुरेजा, नीरज मिगलानी, लाला कुन्जी बंसल, अनिल गुप्ता चांदीवाले, मनोज रााणा, विजय कौशिक, डा. सुरेन्द्र दत्ता, मधु बंसत, राजेश अरोडा, योगेश धींगडा, कुंवर बालू सिंह, ठा. भूले सिंह, अम्मी लाला, सुगल जैन, सुभाष पाराशर, कलैक्टर पराशर, तपन पराशर, ठा. राकेश, ठा. रोहताश, सुनील पहलवान, अनिल, आनंद सिंह तोमर, ठा. केशव नेता, लेखराम चौहान, डा. रमेश रावत, सुभाष राणा, कैप्टन जीवन सिंह, ठा् राज कुमार गौड, ठा.  कंचन सिंह, ठा. सुरेन्द्र बौहरे, पप्पू नम्बरदार, ठा. भीकमचंद, ठा. आर पी सिंह, सुमन पत्रकार, ठा. विशम्बर, दिनेश राजपूत, दिलीप शर्मा, खान भाई, अमर सिंह सरपंच, पप्पी सरपंच, सुभाष सरपंच, ठा. सूरजपाल भूरा, मा1 शीशपाल, विक्रम एडवेाकेट, अनिल सिधाना, जैजू पहलवान, केशव भाई, श्यामलाल कौशिक, मा जगदीशचंद  अग्रवाल, कुलदीप सरपंच जसाना, मा जगदीश चंद्र अग्रवाल, मन्नु भडाना, प्रदीप भडाना, सागर पहलवान, नरेश ठा पल्ल्ला नरेश, ठा सुभाष पुण्डीर, इस मौके पर बदरपुर बार्डर, होडल से भी हजारो की संख्या में पंच सरपंच सहित 36 बिरादरी के लोग उपस्थित रहे।  कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा सूरदास जी महाराज, भूपानी, शेर सिंह, महरचंद, थान सिंह,  धर्म चौहान, चंदा, नवल चौहान, संजय, डालचंद सिंह, भगत सिंह,  भूलेराम, कमवीर, हीर सिंह, शेखर, जितेन्द्र जीते, राजवीर सिंह, राजपाल सिंह, संजय, रामजीत, सुरेन्द्र बोहरे जी, पप्पी, जगदीश मैम्बर, सुभाष सरपंच, प्रताप  नम्बरदार, धर्मवीर , नरेन्द्र सिंह, रघुराज सिंह, धर्मवीर, लक्ष्मी सिंह, विक्रम, रामचंद्र, नेतराम, पप्पू नम्बरदार, यादराम, मुरली, मोती मैम्बर, सुनील, ओमी, रविन्द्र, प्रकाश, मदन सिंह, ढिल्लन, सौदान सिंह, रामरतन, कालू, गोपी, तारा, इन्द्रजीत, अमर सिंह, प्रेमपाल, नवल सिंह, विनोद सिंह, अनिल, जोगिन्द्र, बद्री, उम्मेद, जयपाल, मेधराज, शेतान, सीताराम, अनिल, तेजी, विनोद, अनंगपाल, कुशकपाल, सुभाष आदि सैकडो पंच सरपच उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here