शहीद सुखदेव का 111वां जन्मदिवस मनाया

0
1230
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : भारत मॉं के महान सपूत शहीद सुखदेव थापर जी का 111वां जन्मदिवस शहीद भगत सिंह कालेज एनएच-3 में शहीद भगत सिंह बिग्रेड द्वारा मनाया गया। इस मौके पर यादविन्द्र्र सिंह पौत्र शहीद ए आजम भगत सिंह ने स्कूली बच्चों व बिग्रेड के सदस्यों के साथ मिलकर शहीद सुखदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हेें नमन किया। इस अवसर पर यादविन्द्र सिंह ने बताया कि स्वतन्त्रता संग्राम के समय उत्तर भारत में क्रान्तिकारियों की दो त्रिमूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध हुईं। पहली चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खाँ की थी, जबकि दूसरी भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु की थी। इनमें से सुखदेव का जन्म ग्राम नौघरा (जिला लायलपुर, पंजाब, वर्तमान पाकिस्तान) में 15 मई, 1907 को हुआ था। इनके पिता प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामलाल थापर तथा माता श्रीमती रल्ली देई थीं। उन्होनें बताया कि सुखदेव के जन्म के दो साल बाद ही पिता का देहान्त हो गया। अत: इनका लालन-पालन चाचा श्री अचिन्तराम थापर ने किया। सुखदेव के जन्म के समय वे जेल में मार्शल लॉ की सजा भुगत रहे थे। ऐसे क्रान्तिकारी वातावरण में सुखदेव बड़ा हुए। यादवेन्द्र सिंह ने बताया कि सुखदेव बहुत साहसी थे। उन्होनें बताया कि सुखदेव को भारत के उन प्रसिद्ध क्रांतिकारियों और शहीदों में गिना जाता है, जिन्होंने अल्पायु में ही देश के लिए शहादत दी। उन्होनें बताया कि सन 1919 में हुए जलियाँवाला बाग़ के भीषण नरसंहार के कारण देश में भय तथा उत्तेजना का वातावरण बन गया था। इस समय सुखदेव 12 वर्ष के थे। पंजाब के प्रमुख नगरों में मार्शल लॉ लगा दिया गया था। स्कूलों तथा कालेजों में तैनात ब्रिटिश अधिकारियों को भारतीय छात्रों को सैल्यूट करना पड़ता था। लेकिन सुखदेव ने दृढ़तापूर्वक ऐसा करने से मना कर दिया, जिस कारण उन्हें मार भी खानी पड़ी। यादवेन्द्र सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुखदेव का नाम हमेशा वीर जवानों की श्रेणी में लिया जाता रहा है और आगे भी लिया जाता रहेगा। इस क्रांतिकारी के बारे में जब भी बात होती हैं आंखों में गर्व के आंसू छलक जाते हैं। धन्य है ये भारत धरती जिसने इस महान सपूत को जन्म दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here