श्रीराम कथा का सातवां दिन: मोरारी बापू ने भगवान श्रीराम और सीता के अद्भुत प्रेम पर प्रकाश डाला

0
1486
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : श्रीराम कथा के सातवें दिन मोरारी बापू की कथा सुनने 15 हजार से ज्यादा भक्त पहुंचे। बापू ने राम नाम के जाप के साथ श्रीराम कथा का शुभारंभ किया। कथा के सातवें दिन बापू ने भगवान श्रीराम और सीता माता के अद्भुत प्रेम पर प्रकाश डाला। बापू ने कहा, हर व्यक्ति को अपनी पत्नी की इज्जत करनी चाहिए। अपने अलग अंदाज में बापू ने सभी को कहा पत्नी के पाँव दबाने का मौका मिले तो उसे न छोड़ें, लेकिन बापू ने ये भी कहा रोज नहीं, उनकी यह बात सुनते ही पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठा। बापू ने सभी से आग्रह किया उनके नाम के आगे महाराज, जी, श्री, संत आदि न लगाएं। कहा- मैं सिर्फ एक आम नागरिक हूं।

राम वहां रहते हैं जहां सीता हों

भगवान वहां होते हैं, जहां भक्ति हो

बापू ने कथा के दौरान बताया, चारों युगों के युग प्रभाव से मुक्त रहने के लिए ग्रंध एक पाय है।

1. सत्युग का ग्रंथ है—जो कायमप्रसन्न रख सके, 12 उपनिषद जो निरंतर प्रसन्नता प्रदान करें।

2. त्रेतायपग का ग्रंथ है—वाल्मिकी रामायण

3. द्वापरयुग का ग्रंथ है—कृष्णचरित्र (भागवत्) यद्यपि महाभारत (गीता सार)

4. कलयुग का ग्रंथ है—कलयुग के लक्षण की औषदि (रामचरितमानस)

बापू ने समझाया हम सत्युगी जीवन व्यतीत कर सकते हैं। हर क्षण को जियो, कविता के रूप में, कथा के रूप में। परमात्मा ने जो कथा का लाइव प्रसारण किया है, उसका आनंद लें, ये मौका आपको नसीब से खुशकिस्मती से प्राप्त होता है। बापू ने अनुरोध किया, शादी के बाद माता-पिता को न भूलें। हर कोई अपने ससुराल वालों की इज्जत करे, क्योंकि वहां से आपको जीवन संगिनी मिली है।

कथा के दौरान बापू ने अपने बचपन के बारे में बताया। उन्होंने बचपन में वह निर्धन थे, इसलिए आम नहीं खा पाते थे। निंबोड़ी खाते थे जो अत्यंत मिठास वाली होती थी। इस कथा के माध्यम से बापू ने समझाया कि आम का वृक्ष भी फलों के बोझ से झुक जाता है, लेकिन निंबोड़ी कभी नहीं झुकती। इसी कारणवश आम मिठास वाला होता है, नीम कड़वा होता है। तात्पर्य यह है कि, मीठे लोग झुक-कर रहते हैं, लेकिन कटु लोग नहीं झुकते। बापू ने सभी आग्रह किया, तरक्की मिलने पर झुकें, अहंकार न करें।

चौपाई समझने के लिए नसीब चाहिए

कबीर समझने के लिए नसीब चाहिए

निराला समझने के लिए नसीब चाहिए

कृष्णमूर्ति समझने के लिए नसीब चाहिए

श्लोक समझने के लिए नसीब चाहिए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here