Faridabad News : आर्दश गांव अटाली स्थित शिव मंदिर में श्रीमद्भागवत गीता सप्ताह शुरू हो गया है। इस अवसर पर कलश यात्रा निकाली गई। भगवान शिव व श्री कृष्ण की सुंदर झांकियां निकाली गई जिसमें ग्रामीणों ने बढचढ कर भाग लिया। आचार्य लोकेश कृष्ण चौमा वाले ने भगवान श्री कृष्ण द्वारा गीता में दिए गए उपदेशों का व्य यान दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके है। उन सबको तू नहीं जानता केवल में ही जानता हूं। भगवान अजन्मा और अविनाशी स्वरूप होते हुए ाी प्रकृति को आधीन करके अपनी योगमाया से प्रकट होते है। जब जब धरती पर धर्म की हानि और अर्धम की वृद्धि होती है तभी भगवान अपनी लीला रचते है और लोगों के स मुख प्रकट होते है। साधु पुरूषों का उद्धार करने तथा पापी मनुष्यों का विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए युग युग में अवतरित होते है। श्री मद्भागवत कथा में भजन और कीर्तन के माध्यम से भगवान की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया। लोगों ने भी पूरे भगती भाव के साथ श्रीमद्भागवत गीता को सुना। कथा के बाद श्री बांके बिहारी जी के सुंदर भजन भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए। अंत में श्री बांके बिहारी जी की आरती के बाद कथा का समापन किया गया। कथा के समापन के बाद लोगों को प्रसाद्व वितरित किया गया। आचार्य लोकेश कृष्ण ने बताया कि श्री मद्भागवत गीता का पाठ करने और सुनने मात्र से ही व्यक्ति पापों से मुक्त हो जाता है। व्यक्ति को कर्माे के साथ भगवान के चरणों में ध्यान लगाना चाहिए। प्रत्येक दिन दिनचर्या के दौरान भगवान को स्मरण कर कार्य करने चाहिए। भगवान ने गीता में कहा है कि जो व्यक्ति मेरा चिंतन करता है। मेरा स्मरण करता है और अपने परिवार सहित भजन कीर्तन करता है निश्चित तौर पर भगवान हमेशा उनके साथ रहते है। भगवान हमेशा भक्तजनों की रक्षा करते है।