हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने बागवानी उत्कृष्टता केंद्र का किया उद्घाटन

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Palwal News, 13 Oct 2018 : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में बागवानी उत्कृष्टता  केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में होडल में करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से 13 एकड़ में यह प्रदेश का पांचवा बागवानी उत्कृष्टता  केंद्र स्थापित किया गया है।

ओमप्रकाश धनखड़ शनिवार को होडल में बागवानी उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत हरियाणा में इजरायल तकनीक के सहयोग से इससे पहले चार  उत्कृष्टता केंद्र खोले गए हैं, जिसमें सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा-करनाल, फल उत्कृष्टता केंद्र मांगियाना, सिरसा, उष्ण कटिबंधिय फल केंद्र लाडवा-कुरुक्षेत्र तथा एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र रामनगर, कुरुक्षेत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इसके बाद नारनौल व झज्जर में भी जल्द ही यह उत्कृष्टता केंद्र खोले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के किसानों को कम लागत, कम पानी में अच्छी फसल की पैदावार की तकनीक समझने के लिए इजरायल जैसे देशों में जाना पड़ता था, लेकिन अब इन उत्कृष्टïता केंद्रों में किसान जहां खुद का बीज तैयार करवा सकते हैं, वहीं बाजार, पैकिंग व इसको बेचने के तरीके भी सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेती करना साधारण बात है, लेकिन इसके साथ-साथ क्रॉप मैनेजमेंट व क्रॉप मार्केट मैनेजमेंट को समझना बहुत जरूरी है, तभी यह फायदे का सौदा संभव हो सकेगा। आज सरकार किसानों को फसलों का उचित दाम दे रही है। सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत सुनिश्चित किया है कि किसान को आलू, प्याज, टमाटर व गोभी जैसी फसलों का उचित दाम मिले। इसी प्रकार सरकार ने किसानों को फसल खराब होने पर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा दिया है, जोकि इससे पहले किसी सरकार ने नहीं दिया। इसके साथ ही फसलों के दाम को मंहगाई के साथ अटैच किया गया है यानी जिस तरह महंगाई बढ़ेगी, उसी तरह फसलों के दाम भी स्वत: ही बढ़ते रहेंगे। अब खेती में किसानों को करीब 50 प्रतिशत तक लाभ पहुंच रहा है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के तीन हिस्सों से दिल्ली व एनसीआर का क्षेत्र लगता है, जिस कारण यहां फल, फूल व सब्जी के ताजा माल की खपत बहुत अधिक हो सकती है। किसानों को इसका फायदा उठाना चाहिए तथा इस क्षेत्र में अपनी फसल भी स्वयं बेचनी चाहिए ताकि उन्हें इसका लाभ भी अधिक मिल सके। उन्होंने कहा कि इजरायल में टपका विधि से सिंचाई अधिक होती है, जिस कारण पानी की बड़े स्तर पर बचत होती है। हरियाणा में भी जल प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। अब किसानों को मैगनेटिक तकनीक को भी समझना चाहिए, जिससे हार्ड वाटर का उपचार करके इसे सिंचाई योग्य बनाया जाता है।

उन्होंने किसान प्रगति क्लब की मांग को पूरा करते हुए कहा कि उन्हें अनाजमंडी पलवल में बैठक आदि करने के लिए एक कमरा उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे पहले मंत्री ने केंद्र में किसानों हेतू प्रदर्शित  हाई-टेक पॉली ग्रीन हाउस, प्राकृतिक हवादार पॉली हाउस, नेट हाउस, स्वचालित सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, सौर उर्जा चलित शीत गृह, मधुमक्खी पालन गृह, सोलर फैसिंग, मैगनेटिक तकनीक, प्लांट हैल्थ क्लिनिक, केंचुआ खाद इकाई व लैबोरेटरी का निरीक्षण भी किया तथा केंद्र के प्रांगण में पौधारोपण भी किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री हर्ष कुमार ने कहा कि बागवानी उत्कृष्टïता केंद्र की स्थापना से इस क्षेत्र के किसानों से काफी लाभ पहुंचेगा। इस केंद्र में होने वाली साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों को खेती की नई-नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने किसानों का आह्वïान किया कि वे सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाकर अपनी आमदनी भी बढाएं।

बागवानी विभाग के महानिदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से यहां की जलवायु व मिट्टïी के गुणों के अनुरूप फसल की किस्में तैयार की जाएंगी। यहां की जमीन रेतीली व जल हार्ड है, जिसमें अमरूद व बेर की अच्छी किस्में तैयार हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यहां के किसान इस केंद्र में खेती ही नई-नई तकनीक सीख सकते हैं। किसानों को अच्छी आमदनी के लिए पॉली हाऊस की तकनीक को गहनता से समझना होगा, तभी इसका पूरा लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस उत्कृष्टïता केंद्र का पलवल, मेवात, फरीदाबाद जिलों के किसानों के साथ-साथ उत्तर-प्रदेश के किसानों को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा सरकार की अनेक योजनाएं है, जिसमें सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। किसान इन तकनीकों को अपनाकर अनुदान योजना का लाभ उठा सकते हैं।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के निदेशक डा. बीएस सहरावत ने कहा कि इस उत्कृष्टïता केंद्र में हर साल विभिन्न फसलों के दस लाख पौधे तैयार हो सकेंगे। किसान यहां पर खुद का बीज व पौध भी तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा यहां पर खेती के संबंध में नि:शुल्क साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत एक प्रशिक्षण शिविर में एक ही फसल के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। बागवानी  उत्कृष्टता  केंद्र के उद्घाटन अवसर पर राज्यस्तरीय सेमीनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें डा. आरके सैनी, डा. सतेंद्र कुमार यादव व अन्य विशेषज्ञों द्वारा बागवानी व कृषि संबंधित फसलों में नई तकनीक अपनाकर अधिक पैदावार व अधिक मुनाफा लेने बारे किसानों को जानकारी दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, जिला परिषद की अध्यक्ष चमेली देवी, उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा, पुलिस अधीक्षक वसीम अकरम, श्रम कल्याण बोर्ड के वाइस चेयरमैन हरी प्रकाश गौतम, हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के वाइस चेयरमैन मेहरचंद गहलौत, बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक डा. धर्म सिंह, पूर्व विधायक रामरत्न, भाजपा जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह सौरोत, पवन अग्रवाल, किसान सैल के वीरपाल दीक्षित, जिला बागवानी अधिकारी अब्दुल रजाक, प्रगतिशील किसान क्लब के प्रधान बिजेन्द्र सिंह दलाल सहित आस-पास के क्षेत्र से सैंकड़ों प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।

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