Faridabad News, 17 Oct 2018 : नवरात्रों के आठवें दिन अष्टमी पर सिद्धपीठ मां वैष्णोदेवी मंदिर में मां महागौरी माता की भव्य पूजा की गई। पूजा का शुभारंभ मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने करवाया। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने मां के जयकारों के बीच पूजा अर्चना में हिस्सा लिया। प्रातकालीन आरती में मां के भजनों के बीच हवन यज्ञ में श्रद्धालुओं ने अपनी आहूति डाली।
इस अवसर पर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए भक्तों का स्वागत किया। पूजा अर्चना में पूर्व विधायक चंदर भाटिया, पूर्व पार्षद राजेश भाटिया, उद्योगपति आर के जैन, गुलशन भाटिया, हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया, उद्योगपति आर. के बत्तरा, सुरेंद्र गेरा एडवोकेट, कांशीराम, अनिल ग्रोवर, नरेश, रोहित, बलजीत भाटिया, अशोक नासवा, प्रीतम धमीजा, सागर कुमार, गिर्राजदत्त गौड़, फकीरचंद कथूरिया नेतराम एवं राजीव शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
पूजा अर्चना के उपरांत जगदीश भाटिया ने भक्तों को बताया कि देवी पार्वती रूप में महागौरी ने भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। एक बार भगवान भोलेनाथ द्वारा कहे गए किसी वचन से पार्वती जी का मन आहत होता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं। इस प्रकार वषों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर वे पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के समान श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई पड़ती है, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न होकर देवी उमा को गौरवर्ण का वरदान देते हैं और वे महागौरी कहलाती हैं। श्री भाटिया ने कहा कि मां महागौरी की सच्चे मन से पूजा करने पर जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह अवश्य पूर्ण होती है।