Faridabad News, 14 dec 2018 : कल अगर मैं जेल चला गया तब भी फरीदाबाद की जनता की भलाई के लिए मेरी समाज सेवायें जारी रहेंगी और मेरे भतीजे समाज-सेवायें करते रहेंगे। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर का जिन्होंने शुक्रवार को अपने चैंबर में मीडिया को सम्बोधित करते हुए बताया कि 2001 जनवरी मेरे मेरी कोर्ट के एक जज साहब से बहस हुई थी जिस केस में मेरे ऊपर कंटेम्प्ट और एससी-एसटी एक्ट लगा रहा। उन्होंने बताया कि कंटेम्प्ट में मैं बरी हो गया था जबकि एक्ट का मामला चल रहा है और कल दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में तारीख हैं जहाँ मैं स्वीकार करूंगा कि उस मामले में 6 वरिष्ठ वकीलों को गलत तरीके से फंसाया गया था जो मेरे साथ उस समय नहीं थे जब जज साहब से मेरी तकरार हुई थी। दोनों तरफ से हार्ड बहस हुई थी। इन 6 लोगों में वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा, एस आर जाखड़, आरके पाराशर, अनिल पाराशर, डीएस अधाना, सुरेंद्र शर्मा पन्हेड़ा पूरी तरह से निर्दोष हैं फिर भी 18 साल से कोर्ट के धक्के खा रहे हैं।
मैं कोर्ट में स्वीकार करूंगा कि ये सब पूरी तरह से निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि मैं स्वीकार करूंगा कि जज साहब से मेरी तकरार हुई थी लेकिन मैंने उन्हें जाति सूचक शब्द नहीं कहे थे फिर भी ये एक्ट लगा दिया गया और 18 वर्ष से परेशान किया जा रहा है और मुझे ही नहीं मेरे 6 साथियों को गलत तरीके से फंसा दिया गया। उन्होंने कहा कि जज साहब से मेरी तकरार हुई और कंटेम्प्ट मुझ पर बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट में वो केस बहुत पहले ख़त्म हो चुका है लेकिन ये केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कल इस मामले में मैं जेल चला जाऊं इसलिए आज मेरा आख़िरी साक्षात्कार हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मैं जेल चला गया तो शहर के कई तरह के माफिया बहुत खुश होंगे क्यू कि हाल में मैंने कई माफियाओं को झेल भिजवाया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं जेल गया तो मेरा प्रयास रहेगा कि मैं जेल से भी फरीदाबाद की जनता की भलाई के लिए अच्छे काम करता रहूँ और कोशिश करूंगा मेरे भतीजे और मेरे जूनियर फरीदाबाद की भलाई के लिए काम करते रहें। उन्होंने कहा कि मेरे भतीजे लोकेश पाराशर, सचिन पाराशर, हितेश पाराशर, संजीव तंवर सहित मेरे जूनियर जनता की भलाई के लिए काम करते रहेंगे।