Faridabad News, 14 Feb 2019 : 33वें सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में वैसे तो बड़ी चौपाल पर हर शाम रंगीन होती है। लेकिन आज वेलनटाइन डे के अवसर पर युवाओं के लिए कुछ विशेष रहा। बॉलीवुड तक अपनी आवाज का लोहा मनवा चुके हरियाणा के सुप्रसिद्घ गायक व लेखक पद्मजीत सहरावत के द्वारा पेश किए गए प्यार भरे नगमों पर बड़ी चौपाल के प्रांगण में युवाओं ने जमकर मस्ती की। सांस्कृतिक संध्या के मौके पर पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक विकास यादव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने पाश्र्व गायक पद्मजीत सहरावत को मंच पर स्मृति देकर सम्मानित किया। सहरावत ने दर्शकों को बताया कि चुंकी वे हरियाणा की माटी से संबंध रखते है इसलिए यहां से उनका विशेष लगाव है। यही कारण है कि मात्र एक बुलावे पर पिछले आठ वर्ष से लगातार यहां अपना शो की प्रस्तुति लेकर यहां पहुंचते है।
मुख्य चौपाल पर जब पद्मजीत सहरावत ने ये समां, समां है ये प्यार का, दिल ना चुरा ले कहीं मौसम बहार का गाने के साथ अपनी सुर ताल छेड़ी तो युवाओं के पैर बरसबर ही थिरकने लगे। उसके बाद उन्होंने तुझे बीन जाने, बिन पहचाने, मैंने ह्दय से लगाया, तथा तू ही तो यार बुलैया, परवरदीगार बुलैया जैसे रोमांटिक फिल्मी गानों से समां बांध दिया। जब उन्होंने मौसम के अनुरूप रिमझिम गिरे सावन, तड़प-तड़प जाए मन और ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा जैसे दर्जन भर प्रसिद्घ गानों के सुर छेड़े तो युवाओं ने तालियों के गडग़ड़ाहट के साथ हाथ हिलाते हुए उनका साथ दिया। कार्यक्रम के दौरान कई बार हल्की बूंदा बांदी भी हुई लेकिन इस लाईव शॉ का युवाओं में जोश देखते ही बन रहा था। इस दौरान उनके गायिकी ग्रुप पेडी ब्वॉएज के सदस्यों कमल पिंटो, दिलीप, अमित, मोहित और तरूण विश्वास ने संगीत यंत्रों के सीधे प्रसारण के द्वारा उनका जमकर साथ दिया।
कार्यक्रम की शुरूआत में मंच पर अपनी गायिकी का जादू दिखाते हुए मिस चंदना कपूर ने भक्ति रस में डूबा हुआ भजन काला काल करै, गूजरी मत काले का जिक्र करै पेश किया तो चौपाल के प्रांगण में बैठे सभी युवाओं और बुजुर्गों, महिलाओं ने उनके साथ गाकर उनका बखूबी साथ दिया। कार्यक्रम के अंत में विदेशी कलाकारों ने भी उनके देश के पारंपरिक नृत्य के दौरान दर्शकों को उनके साथ जुडऩे व मस्ती का माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।