Faridabad News, 07 April 2019 : अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि जिस जिले में चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमिश्नर एफएफआरसी बैठा है उस जिले में निजी स्कूल संचालकों का अभिभावकों के साथ लगातार लूटखसोट व मनमानी जारी रखना यह दर्शाता है कि एफएफआरसी का पूरा संरक्षण इनको मिला हुआ है। इससे अभाव को में काफी रोष व नाराजगी है। इिसी के मद्देनजर रविवार को अभिभावक एकता मंच की कोर कमेटी की एक बैठक सेक्टर 10 में आयोजित की गई। बैठक में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अपने घोषणापत्र में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने व सरकारी स्कूलों की दशा में गुणात्मक सुधार करने के महत्वपूर्ण विषय को शामिल न करने पर चिंता जाहिर की गई। बैठक में मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा, प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष नामा व जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी, सचिव मनोज शर्मा, सलाहकार बीएस वर्दी, अर्चना गोयल, सुमित बिष्ट ने भाग लिया। बैठक में महा निदशेक स्कूल शिक्षा निदेशालय पंचकुला द्वारा 5 अप्रेल को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों द्वारा स्कूल परिसर में वर्दी व किताबें आदि बचने वाले विषय पर भेजे गये पत्र पर चर्चा की। मंच ने इस पत्र को कागजी कार्यवाही प्रदान किया है। मंच का कहना है कि मंच पहले ही इस विषय पर चैयरमेन एफएफआरसी व मंडल आयुक्त जी अनुपमा व जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख चुका है जिस पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई है और स्कूलों में अभी भी व उनके द्वारा बताई गई दुकान से ही एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट प्रकाशकों की मोटी किताबों खरीदने के लिए मजबूर व परेशान किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधक मोटा कमीशन खा रहे हैं स्कूलों में बच्चों के मासूम कंधों पर भारी बस्ते का बोझ लादा जा रहा है जबकि मानव संसाधन मंत्रालय ने नर्सरी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन निश्चित कर दिया है, लेकिन स्कूल प्रबंधक मोटा कमीशन खाने के चक्कर में बस्ते का बोझ बढ़ा रहे हैं। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार मंच की जिला कमेटी व पैरन्ट एसोसिएशन की एक बड़ी बैठक 11 अप्रैल गुरुवार को बुलाई गई है। जिसमें इस विषय पर व्यापक विचार विमर्श किया जायेगा और लोक सभा चुनाव के मद्देनजर राजनेतिक चर्चा की जायेगी।