Faridabad News, 09 April 2019 : नवरात्रोंं के चौथे दिन सिद्धपीठ मां वेष्णोदेवी मंदिर में मां कूष्मांडा जी की भव्य पूजा की गई। इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उन्हें बताया कि मां कूष्मांडा की सच्चे मन से पूजा करने व मुराद मांगने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। श्री भाटिया के अनुसार नवरात्र के चौथे दिन मां कुश्मांडा देवी की पूजा अर्चना का विधान है। इस दिन साधक का मन ‘अदाहत’ चक्र में अवस्थित होता है। अतः इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए। पूजा अर्चना के साथ मां की आरती करके ही पूजा पूर्ण मानी जाती है।
मान्यता है कि मां दुर्गा का ये रूप भक्तों के रोग और शोक मिटाती है। इसके साथ ही मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश और बल की वृद्धि होती। यही कारण है कि नवरात्र में भक्त मां के दरबार में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से मां की पूजा कर रहे हैं। इसी क्रम में मंदिर में नवरात्र में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। प्रतिदिन सुबह सात बजे आरती का आयोजन होता है। नवरात्र में इस आयोजन के दौरान भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है। भक्तों ने माता के कुष्मांडा रूप की पूजा अर्चना की। आदि शक्ति मां कामाख्या देवी का गड़हुल, गेंदा, कमल व गुलाब आदि के पुष्पों से विधि विधान से भव्य श्रृंगार व पूजन अर्चना हुआ। भोर में मंगला आरती के बाद दर्शन पूजन का क्रम चालू हुआ दूर-दूर से आए भक्तों ने मां की नारियल, चुनरी, प्रसाद व फुल-माला चढ़ा कर पूजा की।
श्री भाटिया ने बताया कि नवरात्रों के शुभ अवसर पर मंदिर के कपाट चौबीस घंटे खुले रहते हैं प्रतिदिन मंदिर में भक्तों हेतु विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है। मां कूष्मांडा की पूजा