प्रकृति के प्रति मंथन के बच्चों ने फैलाई जागरूकता

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New Delhi News, 24 April 2019 : “पृथ्वी सभी की आवश्यकता पूर्ति हेतु पर्याप्त है, किन्तु लालच पूर्ति हेतु नहीं’ परन्तु मनुष्य ने तकनीकी विकास के साथ-साथ अपने लालच पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग किया है और आज भी कर रहा है। यही कारण है कि आज हमें ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए जरूरी है कि हम सभी मानवीय मूल्यों और पर्यावरण में होते ह्रास को रोकने तथा पृथ्वी और यहाँ उपस्थित जीवन के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक साथ कदम बढ़ाएं। इसलिए 22 अप्रैल प्रत्येक वर्ष पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसमें पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।

पृथ्वी के जीवनदायी स्वरुप को बनाये रखने की ज़िम्मेदारी को निभाते हुए मंथन ने भी केन्द्रों पर पृथ्वी दिवस समारोह का आयोजन कियाI मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक आध्यात्मिक और सामाजिक प्रकल्प है जो कई वर्षों से देश के अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है तथा उनके संपूर्ण विकास हेतु प्रयत्नशील है। कार्यक्रम में बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें उससे संबंधित अनेक गतिविधियों में शामिल किया गया जैसे पौधा रोपण, रैली, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, प्रकृति से संबंधित कविता सुनाना, नुक्कड़ नाटक, घर-घर जाकर लोगों को प्रकृति के विनाश तथा उसे रोकने के उपाय बताये, इत्यादि बच्चों को बताया गया कि मानवीय हस्तक्षेप से वातावरण दूषित होता जा रहा है, कहीं फक्ट्रियों का गंदा जल नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है तो कहीं गाड़ियों से निकलता धुंआ हवा में ज़हर घोल रहा है, भू-जल का स्तर कम हो गया है। इन सब के कारण पृथ्वी प्रलयकारी सुनामी, भूकंप, बाढ़, सूखा, ग्लोबल वार्मिंग जैसी विनाशलीला दिखा रही है। परंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था, या समाज की चिंता का विषय नहीं है, अपितु हर एक व्यक्ति अपने छोटे-छोटे प्रयासों से अपनी धरती को बचा सकता है जैसे पोलीथिन के प्रयोग को रोकना, रिसाईकल प्रक्रिया को बढ़ावा देना, अपने हर जन्मदिवस पर एक पौधा लगाना, आदिI अंत में बच्चों ने अपनी पृथ्वी को बचाने का संकल्प करते हुए प्रण लिया कि वे ऐसी दुनिया का निर्माण करेंगे जिसकी हवा, पानी प्रदूषणमुक्त होगी।

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