New Delhi News, 27 April 2019 : पठन-पाठन और वाचन का ज्ञान चाहे कितना भी अधिक क्यों न हो, परंतु जो ज्ञान हमें जीवन की प्रत्यक्ष बातों से अनुभव द्वारा मिलता है, वही सच्चा ज्ञान है । व्यवहारिक ज्ञान हमारे व्यक्तित्व और बुद्धि का विकास करता है। देश में वैज्ञानिक साक्षरता को विस्तृत करने, छात्रों को वैज्ञानिक अनुभव देने एवं जिज्ञासु मस्तिष्क को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मंथन ने दिल्ली स्थित “राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र” एवं “अक्षरधाम मंदिर” यात्रा का आयोजन किया। मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है जो देश के अभावग्रस्त बच्चों को नि:शुल्क मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर उनके मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास में सहायता कर देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी उद्देश्य से मंथन की दिल्ली स्थित शाखा शकूरपुर के छात्रों के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 44 छात्र लाभान्वित हुए।
विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र सबसे सृजनात्मक जगह है। इस यात्रा से बच्चे विज्ञान के क्षेत्र में होने वाली हर तकनीकी प्रगति के बारे में जागरूक हुए एवं विभिन्न उपकरणों व तकनीकों से उन्होंने विज्ञान, भूगोल और मानव-विकास से जुड़े कई तथ्य सीखे। बच्चों ने हेरिटेज और डायनासौर गैलरी, मानव जीव-विज्ञान गैलरी, फन-साइंस गैलरी आदि का भ्रमण किया। इसके अलावा वहां होने वाले विभिन्न शो का भी बच्चों ने आनंद लिया जिसमें उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय विरासत का वर्षों का इतिहास जाना। इसके अलावा सेंटर में प्रारंभिक पक्षियों, विशाल डायनासौर और हिम-युग तक जीवित विभिन्न प्रजातियों और उनके अनुरूप कृत्रिम वातावरण को विशेष प्रकाश एवं ध्वनि के साथ प्रस्तुत किया गया जिसे देख बच्चे प्रभावित एवं प्रोत्साहित हुए। “राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र” की और से बच्चों को शैक्षणिक किट भी प्रदान की गयी।
इसके बाद बच्चों को “अक्षरधाम मंदिर” की यात्रा करायी गयी जिसमें बच्चों ने दस द्वार, भक्ति द्वार और मयूर द्वार के दर्शन किये और साथ ही सहज आनंद प्रदर्शन का आनंद उठाया जिसमें लाइट शो के द्वारा ज्ञान और सजीव जीवन का सच्चा अर्थ जैसे अहिंसा, शाकाहार, नैतिकता और सामंजस्य आदि के अभ्यास का संदेश दिया जाता है।
सभी बच्चों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। यह यात्रा जिज्ञासु मस्तिष्कों को नये पंख दे उन्हें अपनी खोज को शुरू करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।