Faridabad News, 04 May 2019 : मैनिपुलेशन तकनीक पर शनिवार को होटल संगम में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आर्ट ऑफ मैनिपुलेशन के निदेशक डॉक्टर सोहराब शर्मा ने देश भर से आए सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट को माइग्रेन, गर्दन दर्द से निजात पाने की आधुनिक तकनीक के बारे में बताया । कार्यशाला का आयोजन डॉक्टर सौरभ त्यागी व डॉक्टर चेतन कौशिक ने किया। इसके माध्यम से बहुत ही कम समय में मरीज को माइग्रेन व गर्दन दर्द से निजात मिल सकती है। यह तकनीक उच्च वेग कम आयाम कहलाती है, और यह तकनीक विदेशों में इस्तेमाल होती थी, लेकिन भारत में भी इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर सोहराब मान्यता प्राप्त ओस्टियोपैथ व कायरोपृक्टर हैं। डॉक्टर सोहराब ने बताया कि ओस्टियोपैथी मरीज के मांसपेशियों, जोड़ो, कनेक्टिव टिशु और लिगामेंट्स आदि के जरिए शरीर में उर्जा के प्रवाह को सामान्य करता है, इसमें शरीर के स्केलेटल, नर्वस, रेस्पिरेट्री, इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है और उससे कई सारी बीमारियों का उपचार हो जाता है। ओस्टियोपेथी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है। जिससे किसी भी प्रकार की हड्डी की समस्या का उपचार हो सकता है । रीड की हड्डी के नीचे के हिस्से में होने वाली बीमारी को ठीक करने में फिजियोथेरेपिस्ट इस तकनीक का प्रयोग करते हैं। यह एक प्रकार की मैनुअल तकनीक है, जिससे शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। यह होलिस्टिक होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और अध्यात्मिक हर पहलू को शामिल किया जाता है। इस कार्यशाला में फरीदाबाद के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ प्रदीप शर्मा, डॉ राकेश अत्रे, डॉक्टर दीपक, डॉक्टर शरद गोयल, डॉ नितिन उपाध्याय, डॉ शालु राघव व डॉ दीप्ति गोयल प्रमुख रूप से शामिल रहे।