जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के तीन और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को एनबीए मान्यता

0
1334
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 25 May 2019 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) द्वारा तीन और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की मान्यता प्राप्त की है। एनबीए द्वारा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को मान्यता प्रदान करना विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता का दर्शाता है और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में पहचान बनाने के ध्येय को मजबूत बनाता है।

इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सभी शिक्षकों तथा कर्मचारियों को बधाई दी है तथा कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा का आभार जताया है, जिनके सहयोग से तकनीकी शिक्षा में उच्च मानदंड स्थापित कर विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल हुई और विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के अपने मिशन में भागीदार बनने में सक्षम बना। विश्वविद्यालय के विभिन्न इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण स्नातकों को अमेरिका तथा इंग्लैंड सहित विभिन्न देशों के पाठ्यक्रमों के समकक्ष समानता मिलेगी।

विश्वविद्यालय के दो बीटेक पाठयक्रमों को तीन वर्ष तथा एक एमटेक पाठ्यक्रम दो वर्ष के लिए एनबीए द्वारा श्रेणी-1 प्रारूप में मान्यता प्राप्त हुई है। जिन पाठ्यक्रमों को मान्यता प्राप्त हुई है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इंफोरमेशन टेक्नोलाॅजी में बी.टेक तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक शामिल हैं।

इससे पूर्व, विश्वविद्यालय के चार बीटेक पाठयक्रमों कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटल एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक तथा मास्टर्स आफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन को जनवरी 2018 में एनबीए मान्यता प्राप्त हुई थी। इस प्रकार, विश्वविद्यालय के लगभग सभी प्रमुख इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों कोे एनबीए मान्यता प्राप्त हो गई है।

यह मान्यता वाशिंगटन समझौते के अनुरूप है, जिसमें एनबीए भी एक हस्ताक्षरकर्ता है। वाशिंगटन समझौते की अनुपालना के अनुरूप, वाईएमसीए विश्वविद्यालय के एनबीए श्रेणी-1 मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को अन्य हस्ताक्षरकर्ता देशों में वैश्विक मान्यता हासिल होगी, जिनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, ताइवान, हांगकांग, आयरलैंड, जापान, इंग्लैंड तथा अमेरिका शामिल हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इन देशों में अकादमिक जरूरतों को पूरा करने के दृष्टिगत इंजीनियरिंग कार्यों को करने में सक्षम होंगे।

एनबीए एक स्वायत्त संस्थान है जो समय-समय पर तकनीकी संस्थानों तथा पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा अनुशंसित मानक तथा मानदंडों के अनुरूप करता है। मान्यता प्रक्रिया के अंतर्गत एनबीए विशेषज्ञ टीम द्वारा 26 से 28 अप्रैल, 2019 के दौरान विश्वविद्यालय के चार विभागों का मूल्यांकन किया गया था। एनबीए विशेषज्ञ टीम ने विश्वविद्यालय का मूल्यांकन विभिन्न मानदंडों पर किया तथा लैब, वर्कशाप, लाइब्रेरी तथा अन्य विद्यार्थी से संबंधित सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान टीम ने संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों, भूतपूर्व विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी बातचीत की तथा विश्वविद्यालय के रिकार्ड की जांच की थी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में विश्वविद्यालय के रूप में दर्जा हासिल करने वाले जे.सी बोस (वाईएमसीए) विश्वविद्यालय ने विगत तीन वर्षों केे दौरान उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। विश्वविद्यालय को नवम्बर, 2016 में राष्ट्रीय मूल्यांकन तथा प्रत्यायन परिषद् (नैक) द्वारा ‘ए’ ग्रेड मान्यता हासिल हुई थी तथा हाल ही में विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ-2019) द्वारा जारी रैंकिंग में 144वीं रैंकिंग के साथ एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा संचालित ऐसा पहला इंजीरियरिंग संस्थान है, जो देश के शीर्ष 150 इंजीनियरिंग संस्थानों में शामिल हुआ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here