गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर ‘हरियाली पर्व’ मनायेगा जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

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जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ‘हरियाली पर्व’ का आयोजन करेगा, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय ने 550 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि गुरु नानक देव जी भारत के महान दार्शनिकों, शिक्षकों और समाज सुधारकों में से एक थे, जिन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज को प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी वाणी में निहित संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य करेगा।

कुलपति ने कहा कि गुरु नानक जी द्वारा जपु जी साहिब की पावन गुरबाणी में कहा हैं कि, ‘‘पवणु गुरू पाणी पिता माता धरति महतु’’ अर्थात पवन एक गुरु सम्मान ज्ञान को आदान प्रदान करने में मदद करती है, पानी पिता सम्मान सब जीवों को पालता है और धरती मां समान सब जीवों को जन्म देती है। यह तीनों पवन, पानी व धरती पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर है और पर्यावरण लगभग शत-प्रतिशत पेड़ पौधों पर निर्भर है। इसलिए, विश्वविद्यालय ने उनके प्रकाशोत्सव पर विद्यार्थियों को पर्यावरण से जोड़ते हुए पौधारोपण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमें पौधारोपण के साथ-साथ विद्यार्थियों को पौधे की देखभाल के लिए भी प्रेरित किया जायेगा।

पौधारोपण अभियान की संयोजक एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डाॅ. रेनूका गुप्ता ने बताया कि अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में फलदार तथा औषधीय पौधे लगाये जायेंगे, जिसमें नीम, अर्जुन, जामुन, अमलताज, अमरूद, नींबू, तुलसी, अनार, अल्सटोनिया और करीपत्ता के पौधे लगाये जायेंगे। अभियान दो चरणों में आयोजित किया जायेगा, जिसका पहला चरण जुलाई के अंतिम सप्ताह और दूसरा चरण अगस्त में होगा। अभियान के अंतर्गत पौधा रोपण और वितरण का कार्य किया जायेगा। पहले चरण के अंतर्गत विश्वविद्यालय की पर्यावरण सोसायटी के वालंटियर्स की मदद से 150 पौधे लगाये जायेंगे और 150 पौधों का वितरित किया जायेगा। इसी तरह से दूसरे चरण में विश्वविद्यालय द्वारा 250 पौधे गोद लिये गये गांवों तथा आसपास के क्षेत्र में रोपित और वितरित किये जायेंगे।

डाॅ. गुप्ता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों को पौधारोपण तक सीमित न रखते हुए उन्हें पौधों की देखभाल के प्रति भी जागरूक बनाना है। पौधों का वितरण केवल उन्हीं विद्यार्थियों या लोगों को किया जायेगा, जो पौधा गोद लेने के लिए इच्छा जतायेंगे और इसकी सही देखभाल का प्रण लेंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तीन महीने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा एक सेल्फी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा, जिसके तहत पौधा गोद लेने वाले पंजीकृत प्रतिभागियों को पौधे के साथ सेल्फ लेनी होगी। इस प्रतियोगिता में विजेता का चयन गोद लिये गये पौधे की वृद्धि एवं विकास के आधार पर किया जायेगा और विजेता को उचित पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।

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