Health Updates : दमा यानी श्वसन तंत्र की भयंकर कष्टदायी बीमारी। यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। श्वास पथ की मांसपेशियों में आक्षेप होने से सांस लेने निकालने में कठिनाई होती है। खांसी का वेग होने और श्वास नली में कफ जमा हो जाने पर तकलीफ़ ज्यादा बढ़ जाती है। रोगी बुरी तरह हांफने लगता है।
कारण-
अस्थमा का अटैक आने के बहुत सारे कारणों में वायु का प्रदूषण भी अहम है। अटैक के दौरान वायुमार्ग के आसपास के मसल्स में कसाव और वायुमार्ग में सूजन आ जाता है, जिसके कारण हवा का आवागमन अच्छी तरह से हो नहीं पाता है। दमा के रोगी को सांस लेने से ज़्यादा सांस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है, जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है।
एलर्जी के अलावा भी दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार हैं।
घर का धूल भरा वातावरण
घर के पालतू जानवर
बाहर का वायु प्रदूषण
सुगंधित सौन्दर्य प्रसाधन
सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस का संक्रमण
ध्रूमपान
अधिक मात्रा में शराब पीना
व्यक्ति विशेष का कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव
कुछ विशेष प्रकार की दवाएं
सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड
एलर्जी के बिना भी दमा का रोग पीड़ित कर सकता है।
तनाव या भय के कारण
अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण
ज़्यादा नमक खाने के कारण
आनुवांशिकता के कारण भी यह रोग हो सकता है।
लक्षण-
दमा के लक्षणों के बारे में जो पहली बात जो मन में आती है, वह है सांस लेने में कठिनाई। दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या फिर खाँसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू हो जाता है।
सांस लेने में कठिनाई होती है।
सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है।
दमा का रोगी जब सांस लेता है, तब एक घरघराहट जैसी आवाज होती है
सांस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है।
बेचैनी-जैसी महसूस होती है।
सिर भारी-भारी जैसा लगता है।
जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट महसूस होती है।
स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।
घरेलू नुस्खे जो आपको अस्थमा से राहत दिला सकते हैं-
10 ग्राम मेथी के बीज एक गिलास पानी मे उबालें तीसरा हिस्सा रह जाने पर ठंडा कर लें। इसमें अदरक का रस और शहद मिलाएं और पी जाएं। इसे दिन में दो बार पीएं, यह उपाय दमे के अलावा शरीर के अन्य अनेकों रोगों में भी फायदेमंद है।
दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप लें। यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में पांच मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को लाभ होता है।
दमा के दौरे को नियंत्रित करने के लिये एक चम्मच हल्दी को दो चम्मच शहद में मिला कर पी लें।
अदरक का रस और अनार का रस बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। उसमें एक चम्मच शहद मिला कर मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को दिन में तीन से चार बार पीएं।
एक कप पानी में एक चम्मच घिसा हुआ अदरक ले और उसे उबाल लें। ठंडा होने पर इस पानी को पीएं। ऐसा रोजाना करें, आपको खुद फर्क महसूस होगा।
लहसुन फेफड़ों के कंजेशन को कम करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फांक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एकबार करना चाहिए।
यदि सांस फूलने की समस्या है तो घर में यूकेलिप्टस का तेल जरूर रखें। जब कभी सांस फूले तो यूकेलिप्टस का तेल सूंघ लें। इसको सूंघने से आपको तुरंत फायदा होगा और समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।