अब नही कर पांएगे सार्वजनिक स्थानेां पर धूम्रपान, पुलिस अधिकारियों ने जाने तंबाकू के दुष्परिणाम

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Faridabad News : शहर के पुलिस अधिकारियों ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां के दुष्प्रभावों को शनिवार को मिनी सचिवालय में स्थित पुलिस उपायुक्त सेट्रल कार्यालय में संबध हैल्थ फाउंडेशन(एसएचएफ), फोर्टिस फाउंडेशन व पुलिस की और से जागरुकता एंव संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान जाना। पुलिस कमीश्नर डा.हनीफ कुरेशी के निर्देश पर हुई इस कार्यशाला के बाद सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) कोटपा एक्ट में हो रही कार्याही में तेजी लाई जायेगी।

पुलिस उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अब कोटपा एक्ट की पालना कड़ाई से सुनिश्चिित की जायेगी। जिसमें सार्वजनिक स्थानेां पर धूम्रपान करने वालों पर चालान की कार्यवाही की जायेगी। इसलिए जिलेभर के पुलिस अधिकारियों को इसके लिए केाटपा एक्ट में किस प्रकार से कार्यवाही हो इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रशिक्षण के बाद सभी का सामूहिक प्रयास है कि आम जनता में तथा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपभोग कम हो। उन्होने बताया कि सभी पुलिस थानों के द्वारा जागरुकता अभियान के बाद नियमित रुप से कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। ताकि युवाओं को इस प्रकार की बुराई से बचाया जा सके।

संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर डा.सोमिल रस्तोगी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियेां को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए बताया गया कि वर्तमान में अस्पतालों में कैंसर के जो रोगी बढ़ रहे है। इन दिनों अस्पतालों में जो इससे पीड़ित आते है उनमें पहले की अपेक्षा कम उम्र के लोग आ रहे है। इसलिए यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों में निकोटिन होता है जो कि हेरोइन से भी अधिक खतरनाक होता है। इनमें केवल 5 प्रतिशत से कम लोग ही निकोटिन केा छोड़ पाते है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके लिए सकारात्मक ढंग से काम करना होगा। इसलिए पुलिस अधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वे इसे रोकने के लिए सिगरेट एंव अन्य तबंाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) का पूरी तरह से अनुपालना करावे। जिससे कि बच्चों व युवाअेां को इससे बचाया जा सके।

डा.सोमिल रस्तोगी ने कहा कि किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करतें है, उनमें से एक तिहाई से अधिक तंबाकू से जुड़ी बीमारियेां से पीड़ित होकर दम तोड़ देतें है। अकेले हरियाणा में करीब 28 हजार लेाग प्रतिवर्ष बेमौत इससे मर रहे है। करीब 43 लाख लोग हरियाणा में तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबेको के सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू की लत 17 साल की उम्र में लग जाती है। ग्लोबल यूथ टोबेको के सर्वे में सामने आया कि भारत के 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। प्रदेश में करीब 116 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादेां के सेवन की शुरुआत करते है, इनमें भी अधिकतर स्कूल व कालेजों में अध्ययन करने वाले शामिल है।

डा.रस्तोगी ने कहा कि सभी आधुनिक और प्रगतिशील राज्यों ने अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए कोटपा कानून को कड़ाई से लागू किया है। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है।

उन्होने कोटपा एक्ट की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व (किशोर न्याय अधिनियम) जेजे एक्ट के बारे में जानकारी दी। वंही पुलिस अधिकारियेां को बताया गया कि सार्वजनिक स्थानेां पर कोटपा एक्ट में की जाने वाली कार्यवाही का प्रभावी असर सामने आता है। इसलिए पुलिस के द्वारा चलाए जाने वाले अभियान में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही हो।

उन्होने बताया कि शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसलिए शिक्षण संस्थाओं के आस पास भी इसी अभियान के दौरान कार्यवाही की जायेगी।

ये है सार्वजनिक स्थल
सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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