Faridabad News, 08 Feb 2020 : सूरजकुंड मेले में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो कि 1987 में लगाए गए पहले मेले से यहां हर साल आ रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं-बाइस्कोप वाले भंवर जी।
भंवर जी ने बताया कि जब शुरू-शुरू में वे यहां आए तो बाइस्कोप दिखाने के दो रूपए लिया करते थे। अब इसे देखने का रेट 30 रूपया प्रति व्यक्ति हो गया है। मेले में वह अकेले नहीं हैं, उनके बेटे और पोते समेत पांच बाइस्कोप यहां चल रहे हैंं। अभी तो लोगों को इसका नाम पता लग गया हैं, वरना हरियाणा में इसे बारह मन की धोबण कह कर पुकारा जाता था। इसी प्रकार इसे झांकी, बाइस्कोप और सिनेमा भी कहा जाता है। भंवर जी ने बताया कि बाइस्कोप का पुराने समय मेंं बहुत अधिक चलन होता था। अब तो ये मशीनें गिनती की रह गई हैं। भंवर जी को मुमताज कहानी दिखाने पर नागपुर कला केंद्र की ओर से सम्मानित किया जा चुका है।