Faridabad News, 10 Feb 2020 : उपायुक्त यशपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगले माह होने वाली दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट प्रतिशत सुधारने के लिए सरकार से प्राप्त निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें। उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सक्षम योजना तथा अन्य विभागीय पहलुओं पर बैठक कर उन्हें दिशा-निर्देश दे रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि खुद अच्छा कार्य करके अन्य साथियों को भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करें। बच्चों को बेहतर के लिए उन्हें लक्ष्य के अनुरूप परीक्षा परिणाम लाने के टिप्स दे। उनको सकारात्मक सोच क्रियान्वित करके बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के भागीदार बनें।
उपायुक्त ने कहा कि सक्षम योजना के तहत बच्चों के शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखें। इस बार बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम 75 प्रतिशत से अधिक रहना चाहिए। जिन स्कूलों का सक्षम योजना में प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा उनपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को जो वीडियो परीक्षा की तैयारी के लिए दी गई थी, उसकी फीडबैक काफी अच्छी आ रही है। बच्चे इन वीडियों की मदद से नोट्स बना रहे हैं तथा नोटबुक भी मैनटेन कर रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि अध्यापकों को बच्चों में अच्छे नागरिक बनने के गुणों का विकास करना चाहिए। अगर हर बच्चा अच्छा नागरिक बनकर आगे बढेगा तो देश भी आगे बढेगा। अगर बच्चों को अच्छा बनाने की तरफ नहीं ले जाएंगे तो भविष्य में वे बुरी संगत की ओर बढेंगे और समाज का नुकसान होगा।
बैठक के बाद सक्षम योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उपायुक्त ने अच्छी परर्फोमेंस नहीं रहने वाले स्कूल प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए कि वे कक्षाओं में विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण सवालों को हल करवाएं तथा पिछले पांच सालों के मॉडल टेस्ट पेपर अवश्य चैक करें यह सभी पेपर बोर्ड की वैबसाईट पर भी उपलब्ध हैं। इन पेपरों को हल करवाया जाए। पाठयक्रम पूर्ण होने पर रिविजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। कमजोर विद्यार्थियों तथा बच्चों की लिखने की प्रैक्टिस पर भी अधिक ध्यान दिया जाए।
उपायुक्त ने कहा कि आगामी 17 फरवरी को सभी स्कूलों में होने वाली मेगा पैरेंट्स मीटिंग में कमजोर बच्चों के माता-पिता को उनके बच्चे की परर्फोमेंस के बारे में बताएं तथा घर पर भी बच्चे की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने का आग्रह करें। पीटीएम में सरपंच जैसे जन प्रतिनिधियों को भी शामिल करें, जिन बच्चों की हाजरी स्कूल में कम रही, उन पर भी ज्यादा ध्यान दे। क्लासों में बच्चों की हैल्दी डिस्कशन रखें। जरूरत अनुसार बीआरसी व एबीआरसी की मदद या मार्गदर्शन ले सकते है।
सीएमजीजीए अतुल सहगल ने पावर पॉइंट प्रजेटेंशन के माध्यम से जिला के स्कूलों रिजल्ट को लेकर खराब प्रफोरमेंस देने वाले कुछ स्कूलों को स्क्रीन पर दिखाया। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा निदेशालय की सहायक सभी बीईओ व जिला के हाई व सिनियर सैकेंडरी स्कूलों के मुखिया उपस्थित रहे।