Faridabad News, 18 Feb 2020 : उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जिला में बाल श्रम जैसी गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगनी चाहिए। इसके लिए संबंधित विभाग आपस में तालमेल से नियमित रूप से आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं।
उपायुक्त मंगलवार को अपने कार्यालय में बाल श्रम बचाव के लिए की जा रही गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग, पुलिस, राज्य आपराधिक ब्रांच आदि सभी विभाग आपसी समन्वय मजबूत बनाएं, ताकि जब भी बाल श्रम बचाव के लिए कोई अभियान चलाया जाए, उन्हें एक-दूसरे विभाग का पूर्ण सहयोग मिले। जब भी इस संबंध में कोई कार्यवाही की जाए तो संबंधित थाना की पुलिस व लेबर इंस्पेक्टर को भी साथ रखा जाए तथा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को बाल श्रम पर रखने वाले व्यक्ति या फर्म का चालान किया जाए तथा साथ ही कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाए।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग में एक अधिकारी को कोर्डिनेट करने तथा अन्य संबंधित एरिया के इंस्पेक्टर की डयूटी लगाने के लिए अधिकृत किया जाए। बाल कल्याण समिति अभियान के तहत यह सुनिश्चित करे कि किसी भी स्थान पर बाल श्रम नहीं होना चाहिए। इसके लिए छापामारी या विभिन्न स्रोतों से संदिग्ध स्थलों, दुकानों या अन्य फर्म का पता लगाएं और जरूरी कार्यवाही करें। उन्होंने बताया कि टोल फ्री चाइल्ड हैल्प लाइन 1098 की जानकारी भी सभी बच्चों को होनी चाहिए ताकि किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत है तो वह तुरंत उसे उपलब्ध करवाई जाए। अगर किसी बच्चे के माता-पिता नहीं मिलते तो ऐसे बच्चों को पुनर्वास व शिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा सिंह, संरक्षण अधिकारी सोनिया शर्मा, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीपाल कराहना, समिति की सदस्य रेखा सरोहा, स्टेट क्राइम ब्रांच फरीदाबाद में एएसआई अमर सिंह, चाइल्ड लाइन की जिला कोर्डिनेटर सुनीता देवी व महिला थाना एनआईटी की एसएचओ गीता भी उपस्थित थी।