Faridabad News, 06 March 2020 : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आज कामकाजी महिलाओं की समन्वय समिति सीटू के बैनर तले शुक्रवार को फरीदाबाद की सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री के नाम 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन तहसीलदार रणविजय सिंह सुल्तानिया को सौंपा गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त रूप से गिरफ्तारी भी दी। तहसीलदार ने सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करके मौके पर ही रिलीज कर दिया । गिरफ्तारी लेने के लिए रोडवेज की 6 बसों की व्यवस्था की गई थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रात बारिश होने के बावजूद आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर, आशा वर्कर, मिड डे मील एवं मदर ग्रुप की महिला कर्मचारी सेक्टर 12 स्थित राजस्थान भवन के सामने एकत्रित होने शुरू हो गई थी। यहां पर सभा हुई। जिसकी अध्यक्षता आगनबाडी वर्कर एवं हेल्पर की प्रधान देवेंद्र री शर्मा और आशा वर्कर की प्रधान हेमलता तथा मिड डे मील वर्कर की प्रधान कमलेश चौधरी ने संयुक्त रूप से की। सभा का संचालन आशा वर्कर यूनियन की जिला सेक्रेटरी सुधा पाल ने किया। सभा को सीटू के जिला अध्यक्ष निरंतर पराशर, जिला महासचिव लालबाबू शर्मा और जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने महिलाओं के प्रमुख मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि देश में महिलाओं की रोजगार के अवसरों में भागीदारी की दर में भारी गिरावट हो रही है। इस समय महिलाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है। पिछले 45 वर्षों में अभूतपूर्व रूप से बढ़ती बेरोजगारी की दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महिलाओं को अपने परिवारों को चलाने के लिए कम वेतन और बेकार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। महिलाओं से घरेलू कार्य लिए जाते है इसके लिए कोई भुगतान नहीं होता। परिवार के देखभाल के कार्यों का बोझ बढ़ रहा है। यह अत्यंत खेद जनक है कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे आईसीडीएस एनएचएम, मिड डे मील, आदि के तहत कार्यरत 80 लाख से अधिक महिलाओं को मजदूर के रूप में मान्यता नहीं दी जा रही है। और ना ही उन्हें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है।
साथ ही सामाजिक सुरक्षा के लाभ नहीं मिलते हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा में अत्यधिक वृद्धि हुई है। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिनियम को लागू नहीं किया जा रहा है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। महिलाओं का आरक्षण बिल पास नहीं हुआ है। राजनीतिक निर्णय लेने में महिलाओं की हिस्सेदारी आजादी के 70 वर्षों के बाद कम है आर्थिक भागीदारी और स्वास्थ्य के निम्न स्तर के कारण वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के जेंडर गैप इंडेक्स में भारत की रैंक फिसल कर 112 पर आ गई है। हमारे देश के अधिकांश महिलाएं विशेष रूप से गरीबों के पास उनके नाम और संपत्ति के रिकॉर्ड में कोई संपत्ति नहीं है। अधिकांश महिला श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। जो खाफी गरीब हैं। अशिक्षित हैं और उनमें से कोई फैक्ट्रियों निर्माण कार्यों, ईट भट्टा, असंगठित क्षेत्र में स्व रोजगार के लिए अन्य कामों की तलाश में पलायन कर रही हैं जिन्हें एनआरसी के तहत नागरिकता साबित करने के लिए उनके पास आवश्यक दस्तावेज होना असंभव है। वे सरकार द्वारा पारित सीसीए से सबसे ज्यादा प्रभावित हो होंगी। जो भेदभाव पूर्ण भी है और हमारे संविधान के सिद्धांतों खिलाफ है आज के प्रदर्शन को आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर की प्रधान दविंद्री शर्मा जिला सचिव मालवती आशा वर्कर की प्रधान हेमलता जिला सचिव सुधा पाल उपप्रधान सुशीला ,रेखा शर्मा , पूजा राठौर, मदर ग्रुप की प्रधान नजर वि, मिड डे मील की प्रधान कमलेश चौधरी ,जनवादी महिला समिति की प्रधान सुदेश के अलावा सीटू के जिला कमेटी सदस्य रवि गुलिया, के पी सिंह, लाल बाबू शर्मा, निरंतर पराशर एवं वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने भी संबोधित किया।