जे सी बोस विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

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Faridabad News, 06 March 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में आज विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। महिलाओं को सम्मान स्वरूप शॉल एवं पौधा भेंट किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के महिला कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा आईईईई वुमैन इन इंजीनियरिंग संगठन के सहयोग से किया गया था।

सीएसआईआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट स्टडीज की निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग और डीन (क्वालिटी एश्योरेंस) डॉ. संदीप ग्रोवर भी उपस्थित थे। महिला कल्याण की अध्यक्ष डॉ. नीतू गुप्ता और डॉ. अनुराधा शर्मा की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. सपना गंभीर द्वारा किया गया।

इस अवसर पर सम्मानित होने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दर्शना गुप्ता और उमा गुप्ता, शिक्षाविद डॉ. ज्योत्सना सिंह और डॉ. माया यादव, मीडिया पर्सनैलिटी एकता रमन, उद्यमी जैकलीन जिंदल, गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. उषा गुप्ता, हैप्पीनेस व वेलनेस कोच पूजा गुप्ता शामिल थीं।

महिला दिवस पर बधाई देते हुए, कुलपति प्रो। दिनेश कुमार ने कहा कि महिलाएं भारतीय समाज की प्रेरक शक्ति हैं। वे बहुमुखी कौशल से संपन्न हैं और उनके पास अपने कर्तव्यों को अधिक कुशलता से निभाने की क्षमता है। आज, महिलाएं देश में विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष स्थान पर हैं।

विश्वविद्यालय में अपने अनुभव को साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि जब वे विश्वविद्यालय के कुलपति बनने तो किसी भी शिक्षण विभाग में महिला विभागाध्यक्ष नहीं थी और आज विश्वविद्यालय के पांच शिक्षण विभागों की अध्यक्ष प्रोफेसर है और वे काफी अच्छा कार्य कर रहीं है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कार्यस्थल पर महिलाओं की निर्णयक भूमिकाओं में अधिक से अधिक भागीदारी होनी चाहिए।

अपने संबोधन में, डॉ. रंजना अग्रवाल ने स्वामी विवेकानंद के उद्धरण को संदर्भित करते हुए कहा कि आज महिलाओं को अपनी समस्याओं को समझना होगा और अपनी बेहतरी के लिए समाधान रखने होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाएं भारतीय पारिवारिक इकाई की प्रमुख सदस्य हैं और जब हम लैंगिक समानता की बात करते हैं, तो यह पुरुष के खिलाफ नहीं है बल्कि पुरुष के साथ होती है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला होती है, लेकिन हर सफल महिला के पीछे एक से अधिक पुरुष हो सकते हैं और वे उसके पिता, भाई, पुत्र या सह-कर्मचारी हो सकते हैं जो उसकी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं और उसे प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रत्येक स्तर पर पुरुषों द्वारा प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति नारी शक्ति पुरस्कार विजेता दर्शना गुप्ता ने सामुदायिक विवाह समारोहों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा होने ऋण एवं फिजूलखर्ची से बचा जा सकता है।

इससे पहले, डॉ. अनुराधा शर्मा ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास के बारे में जानकारी दी।

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