लाॅकडाउन 3.0 के संबंध में नई गाइडलाइन जारी

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Faridabad News, 04 May 2020 : आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 30 के तहत जिला आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं जिलाधीश यशपाल ने लाॅकडाउन की अवधि जोकि 4 मई से दो सप्ताह के लिए बढ़ाई गई है, के संबंध में नई गाइडलाइन जारी की हैं। जिलाधीश ने बताया कि नेशनल लाॅकडाउन की अवधि के दौरान रैड जोन क्षेत्र में जिला प्रशासन की ओर से कोरोना केस व संपर्क मामलों के अनुसार कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे। इन आदेशों की अनुपालना में जिला में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन बना दिए गए हैं। इन कंटेनमेंट जोन में स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोटोकाॅल (एसओपी) लागू कर दिया गया है। एमसीएफ क्षेत्र में आयुक्त व ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त आयुक्त की ओर से आरोग्य सेतु एप की पहुंच सभी घरों तक करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। सिविल सर्जन इन क्षेत्रों में संपर्क मामलों की पहचान करने, उन्हें रिस्क के अुनसार घर या संस्थागत क्वारेंटाइन करने, गंभीर संक्रमण मामलों की टेस्टिंग करने, प्रत्येक घर को सर्विलांस करने, प्रभावी ढंग से लोगों की काउंसलिंग व उन्हें शिक्षित करने का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जिला को भारत सरकार ने हाॅटस्पाॅट श्रेणी में शामिल किया है। जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के पाॅजीटिव केस के आधार पर कंटेनमेंट जोन बनाए हैं तथा साथ लगते क्षेत्रों को बफर जोन घोषित किया है। कंटेनमेंट जोन में घर-घर सर्वे के आधार पर इन्फलुएंजा के 219 मामले संदिग्ध मिले हैं, जिनकी पहचान व सैंपल करके लैब में भेजे गए। इसी प्रकार 9 व 10 अप्रैल को पूरे जिला में घर-घर सर्वे किया गया था, जिसके तहत करीब 6 लाख 30 हजार से अधिक घरों को कवर किया गया तथा एक हजार 602 लोगों में इन्फलुएंजा के सिम्टम मिले। इनकी मेडिकल जांच के बाद करीब 121 लोगों की कोरोना जांच करवाई गई तथा इन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया। इसी प्रकार आशा वर्कर, एएनएम व आंगनवाड़ी वर्कर की नियमित घर-घर दौरा करने तथा इन्फलुएंजा के मरीजों की पहचान करने व चिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट करने की डयूटी लगाई गई है। इसके अतिरिक्त सभी कैमिस्ट दुकानों, अस्पतालों, क्लीनिक, रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन, गांव में पंच, सरपंच की ड्यूटी लगाई गई कि वे अपने क्षेत्रों में संदिग्ध बीमार लोगों के बारे में सूचना उपलब्ध करवाएं। इसी प्रकार लोगों से भी अपील की कि वे स्वयं भी अपनी बीमारी के बारे में नजदीकी सरकारी अस्पताल में सूचना दें, ताकि उनकी मेडिकल जांच हो सके। सिविल सर्जन इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएंगे।
उन्होंने बताया कि रैड जोन व कंटेनमेंट क्षेत्र में अधिकतम सावधानी की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों में मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं व वस्तुओं की सप्लाई के प्रबंधन को छोड़कर अन्य सभी प्रकार का मूवमेंट प्रतिबंधित रहेगा।

उन्होंने बताया कि आगामी दो सप्ताह तक मेडिकल सेवाओं, एयर एंबुलेंस व सुरक्षा कारणों के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति को छोड़कर सभी घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा प्रतिबंधित रहेंगी। गृह मंत्रालय की अनुमति को छोड़कर सभी ट्रेन, अंतर्राज्यीय बसें, मेट्रो रेल सेवा, अंतर्राज्यीय मूवमेंट, सभी स्कूल, कालेज, शिक्षण-प्रशिक्षण व कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। जबकि ऑनलाइन व दूरस्थ माध्यम से शिक्षा की अनुमति होगी। सभी सिनेमा हाॅल, शाॅपिंग माल, जिम, स्पोट्र्स कांप्लेक्स, स्वीमिंग पुल, बार एवं सभागार, थियेटर आदि बंद रहेंगे। सभी सामाजिक, राजनीतिक, स्पोट्र्स, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों व अन्य तरह से भीड़ इक्टठी करने पर पाबंदी रहेगी।

उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में आपराधिक प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा 144 के तहत सायं 7 बजे से सुबह 7 बजे तक किसी भी प्रकार की मूवमेंट, बिना जरूरी सेवाओं से संबंधित गतिविधियों पर पाबंदी लगाई गई है। जिला में सभी 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला व 10 वर्ष से छोटा बच्चा जब तक बहुत जरूरी न हो या स्वास्थ्य संबंधी कारण न हो, अपने घरों से न निकलें। कंटेनमेंट जोन में ओपीडी, मेडिकल क्लीनिक चलाने की अनुमति नहीं होगी, जबकि इन क्षेत्रों को छोड़कर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम व सुरक्षा इंतजाम के साथ ये सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। रैड जोन में साइकिल रिक्शा, आटो रिक्शा, टैक्सी व कैब, जिला के अंदर व बाहर बसों का संचालन, स्पा व बारबर शाॅप पर प्रतिबंध रहेगा।

उन्होंने बताया कि अनुमति प्राप्त गतिविधियों के लिए व्यक्तिगत या वाहन की मूवमेंट की जा सकती है। चार पहिया वाहन में अधिकतम दो व्यक्ति तथा दो पहिया वाहन में केवल एक व्यक्ति जा सकता है। शहरी एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एसईजेड, जरूरी सामान की निर्माण इकाइयां जैसे दवाइयां, मेडिकल डिवाइस, उनसे संबंधित कच्चा माल, सप्लाई चेन से संबंधित इकाइयां, आईटी हार्डवेयर, जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मैटिरियल यूनिट तथा ग्रामीण क्षेत्र में सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां चलाई जा सकती हैं। शहरी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियां को मंजूरी वहां होगी, जहां साइट पर ही लेबर उपलब्ध हो अन्यथा लेबर को बाहर से लाने की अनुमति नहीं होगी। अक्षय उर्जा से संबंधित प्रोजेक्ट निर्माण की अनुमति होगी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सभी प्रकार के निर्माण की अनुमति होगी। शहर में सभी एकल दुकानें, रिहायशी क्षेत्रों की दुकानें बिना जरूरी सामान की शर्त के खोली जा सकती हैं। बाजार व बाजार कांप्लेक्स में जरूरी सामान से संबंधित दुकानें ही खोली जा सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में माॅल्स को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानें खोली जा सकती हैं। जरूरी सेवाओं से संबंधित ई-कामर्स गतिविधियों जारी रहंेगी। निजी कार्यालय जरूरत की स्ट्रैंथ के 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ चलाई जा सकती हैं, शेष कर्मचारियों से घर से काम लिया जाए। अंडर सेक्रेटरी व इससे उपर के पदों के अधिकारी के साथ सभी सरकारी कार्यालय तथा 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ अन्य कार्यालय खुले रहेंगे तथा रक्षा, सुरक्षा सेवा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पुलिस, जेल, होम गार्ड, सिविल डिफेंस, फायर एवं आपात सेवाएं, आपदा प्रबंधन से संबंधित सेवाएं, एनआईसी, उपभोक्ता, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र तथा म्युनिसिपल सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी। उन्हांेने बताया कि जरूरी सेवाओं के लिए अंतर्राजीय मूवमेंट जारी रहेगा, जिसमें खाली ट्रक को भी अनुमति रहेगी।

उन्हांेने बताया कि नेशनल डायरेक्टाइवेज फाॅर कोविड-19 मैनेजमेंट द्वारा जारी आदेशों के तहत बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा तथा सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। कोई भी संस्थान पांच या इससे अधिक व्यक्तियों की भीड़ इक्ट्ठा नहीं करेगा। शादी समारोह में 50 से अधिक मेहमान नहीं होने चाहिएं तथा अन्तिम संस्कार के दौरान 20 से अधिक व्यक्ति इक्ट्ठा नहीं होंगे। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना जुर्माना सहित दंडनीय माना जायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान, गुटका आदि का सेवन वर्जित रहेगा तथा शराब, पान, गुटका, तंबाकू बेचने वाली दुकानों पर कम से कम छह फुट की दूरी रखनी होगी तथा एक समय में पांच से अधिक व्यक्ति दुकान पर नहीं होंगे। इसी प्रकार उन्होंने कार्यस्थलों के संबंध में जारी आदेशों के तहत बताया कि सभी को मास्क पहनना जरूरी होगा तथा कार्यस्थल पर माॅस्क का पूरा स्टाॅक रखा जाए। सोशल डिस्टेंसिंग होनी चाहिए। थर्मल स्कैनिंग, हैंडवाॅश, एंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर सैनेटाइज की व्यवस्था होनी चाहिए। कार्यस्थल पर पर्याप्त मात्रा में हैंडवाॅश व सेनेटाइजर होने चाहिएं। कार्यस्थल को समय समय पर सेनेटाइज किया जाये। इसी प्रकार 65 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति, बीमार, गर्भवती महिला, दस वर्ष से छोटा बच्चे को बिना जरूरी मीटिंग या स्वास्थ्य कारण के बुलाया न जाये। सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप मोबाइल में इंस्टाॅल अवश्य करवाई जाए। भीड़ के रूप में कोई मीटिंग न की जाये। कार्यस्थल पर कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत नजदीकी अस्पताल व क्लीनिक की लिस्ट उपलब्ध होनी चाहिए। कोविड-19 सिम्टम दिखने पर मरीज को तुरन्त क्वारेंटाइन क्षेत्र में रखा जाये तथा उसे चिकित्सीय सुविधा के लिए भेजा जाये। कर्मचारियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यातायात सुविधा का प्रबंध किया जाये। उन्होंने बताया कि इन आदेशों के अनुपालना संबंधित उपमंडलाधीश द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। लाॅकडाउन के नियमों की उल्लंघना व नेशनल डायरेक्टाइवेज फाॅर कोविड-19 मैनेजमेंट के निर्देशों के उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 51-60 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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