Faridabad News, 22 May 2020 : उत्तर भारत में रामानुज संप्रदाय के तीर्थ क्षेत्र श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि बड़ी सादगी के साथ मनाई गई| गत 13 वर्षों में पहली बार इस अवसर पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हुआ| हालाँकि विभिन्न सोशल प्लेटफार्म के जरिया इसका प्रसारण दुनिया भर में रह रहे भक्तों ने देखा|
वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी ने वर्ष 1989 में श्री सिद्धदाता आश्रम की स्थापना की थी इसके बाद वर्ष 2007 में श्री लक्ष्मी नारायण दिव्यधाम का लोकार्पण कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर परलोक गमन कर गए थे| तब से हर वर्ष 22 मई को आश्रम में उनकी पुण्यतिथि हजारों भक्तों की उपस्थिति में मनाई जाती है| एक विशाल मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर को भक्तों के लिए बंद किया गया है और सभी विधियां केवल याचकों के सहयोग से अधिपति जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज पूर्ण कर रहे हैं|
आज भी श्री गुरु महाराज ने वैकुंठवासी बाबा की समाधी एवं मंदिर में स्थित उनके विग्रह पर पूजन कर लोक कल्याण की कामना की| इस अवसर पर उन्होंने बाबा के वचनों के प्रचार प्रसार एवं उनके कार्यों को और समृद्धशाली तरीके से आगे बढ़ाने की बात कही| इस अवसर पर बने प्रसादम का मंदिर के बाहर वितरण किया गया|
गौरतलब है कि स्वामी सुदर्शनाचार्य जी श्री रामानुज संप्रदाय में जगद्गुरु पद पर प्रतिष्ठित थे और उनके द्वारा स्थापित श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मी नारायण दिव्यधाम को संप्रदाय द्वारा इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा की पीठ घोषित किया हुआ है| वर्तमान समय में उनके स्थान पर जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज विराजित हैं|