Faridabad News, 30 May 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कैमिस्ट्री विभाग द्वारा ‘स्पेक्ट्रोस्कोपिक और विश्लेषणात्मक तकनीकः अनुप्रयोग’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय आनलाइन फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम संपन्न हो गया। कार्यक्रम का आयोजन गुरु अंगद देव शिक्षण अध्ययन केंद्र, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों लगभग 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस), नई दिल्ली की निदेशक डाॅ. रंजना अग्रवाल मुख्य वक्ता रही। इस अवसर पर डीन, मानविकी एवं विज्ञान डाॅ. राज कुमार, विभागाध्यक्ष डाॅ. रवि कुमार तथा कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग भी उपस्थित थे। सत्र को आईआईटी कानपुर से डाॅ. प्रतीक सेन तथा आईआईटी मंडी से डाॅ. प्रदीप कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डाॅ विनोद कुमार तथा राष्ट्रीय संयोजक डाॅ. विमल द्वारा किया गया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए डाॅ. रंजना अग्रवाल ने प्रतिभागियों से कार्यक्रम द्वारा अर्जित ज्ञान का उपयोग शोध एवं शिक्षण कार्य में करने पर बल दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को शोध कार्य में गुणवत्ता तथा इनोवेशन के लिए प्रेरित किया तथा विभाग को कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी।
विभागाध्यक्ष डाॅ. रवि कुमार ने कार्यक्रम के सभी आमंत्रित वक्ताओं का आभार जताया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन देने के लिए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार का धन्यवाद किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान के लिए प्रो. जे.एम. खुराना तथा फैकल्टी सदस्यों केे योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. विनोद कुमार ने पांच दिवसीय कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान स्पेक्ट्रोस्कोपिक और विश्लेषणात्मक तकनीक एवं अनुप्रयोगों विषय को लेकर एम्स दिल्ली से प्रो. ए.के. जैसवाल ने फोरेंसिक विधियों, आईओसीएल से डाॅ. क्रिस्टोफर ने एक्स-रे तकनीक पर, जेएनयू से प्रो. विनोद ने यूवी स्पेक्ट्रोस्कोपी पर, आईआईटी मंडी से प्रो. प्रदीप कुमार ने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी पर तथा एनआईटी वारंगल से प्रो. रघु चिट्टा ने फ्लोरोसेंस एवं इंपीडेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी पर व्याख्यान दिये। समापन सत्र का संयोजन डाॅ. नोबल, डाॅ. शिल्पा, डाॅ. हीना तथा डाॅ. विश्वास द्वारा किया गया।