जे सी बोस विश्वविद्यालय पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में एसोचैम के ग्रीन एवं इको-फ्रेंडली मूवमेंट में भागीदार बनेगा

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Faridabad News, 05 June 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में परस्पर सहयोग तथा अकादमिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के साथ समझौता करेगा। समझौते के प्रारूप को आज विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में “प्रकृति संरक्षण के लिए विज्ञान तथा इंजीनियरिंग” विषय पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के दौरान अंतिम रूप दिया गया। समझौते के तहत विश्वविद्यालय एसोचैम के ग्रीन एंड इको-फ्रेंडली मूवमेंट (जीईएम) में सहयोग देगा। एसोचैम-जीईएम द्वारा पर्यावरण अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्थिरता प्रमाणन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन विज्ञान भारती, उन्नत भारत अभियान, एसोचैम जीईएम और सी.पी. कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड जैसे सरकारी, सामाजिक एवं औद्योगिक क्षेत्र के सहयोगी संगठनों के सहयोग से किया गया था। वेबीनार में देश एवं विदेशों से 400 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत ग्रामीण विकास एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआरडीटी), आईआईटी दिल्ली में राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. वीरेंद्र कुमार विजय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि रहे तथा सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की।

इस अवसर पर कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने वेबीनार की विषयवस्तु और वर्तमान परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और इंजीनियरिंग में अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रो. विजय ने वर्तमान विकास मॉडल की नीति पर चर्चा करते हुए इसमें हरित प्रौद्योगिकी को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारतीय दर्शन में प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन तथा संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इससे पहले, पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. रेनूका गुप्ता ने वेबिनार के एजेंडे के बारे में जानकारी दी और आमंत्रित वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

वेबीनार में प्रकृति संरक्षण के लिए वैज्ञानिक हस्तक्षेप के महत्व पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग, शिक्षा और गैर-सरकारी संगठन से जुड़े वक्ता सम्मिलित हुए। यह सत्र उद्योगों से संबंधित पर्यावरण मैत्री प्रक्रिया पर केंद्रित था, जिसमें हरित प्रक्रिया, हरित उत्पाद, उद्योग में जल उपयोग दक्षता, उचित जीवन चक्र मूल्यांकन और स्थिरता विश्लेषण के बाद नए उत्पादों को शुरू करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

इस सत्र में आईआईटी, दिल्ली से उन्नत भारत अभियान के राष्ट्रीय सह-समन्वयक डॉ. विवेक कुमार मुख्य वक्ता रहे। सत्र को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री ए.के. विद्यार्थी, राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम से श्री एनजी लक्ष्मीनारायण, आदित्य बिड़ला में महाप्रबंधक श्री वीके अवस्थी, आॅरगेनिका वाटर में सीनियर प्रोग्राम डायरेक्टर श्री समीर शर्मा तथा और एसोचैम-जीईएम के वरिष्ठ निदेशक श्री नीरज अरोड़ा ने भी संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्तर पर पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र में 1373 इवेंट दर्ज हुए, जिनमें से भारत ने 572 आयोजनों की मेजबानी की। इन सभी आयोजनों में विज्ञान विषय को लेकर केवल 9 तथा इंजीनियरिंग शीर्षक पर 4 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस तरह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह वेबिनार 5 जून को विश्व स्तर पर आयोजित इवेंट्स में प्रमुख रहा।

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