Faridabad News, 11 June 2020 : कोरोना महामारी से बचाव में सहायक मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजरों को लेकर कोई ब्लैक न कर सके इस कारण आज खाद्य एव औषधि प्रशासन की टीमोें ने विभाग के आयुक्त अशोक कुमार मीणा तथा प्रदेश औषधि नियंत्रक नरेन्द्र आहुजा के निदेर्शों पर शहर के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की तथा मैडीकल स्टोर संचालकों से मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजर के रेट को लेकर जांच की और पाया कि अधिकांश दुकानदार भारत सरकार द्वारा तय किए गए रेटों के मुकाबले और सस्ती दर पर लोगों को मास्क तथा हैंड सेनेटाईजर उपलब्ध करा रहे हैं। यही कारण है कि स्थानीय अधिकारियों ने भारत सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव भी रखा है कि हरियाणा में बढ़ते मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजर के उत्पादन को देखते हुए इनकी तय दरों को और कम कर दिया जाए। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने देश में फैले कोरोना संक्रमण को रोकने में सहायक मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजरों को लेकर 21 मार्च तथा 24 मार्च 2020 को दो अलग अलग नोटिफिकेशन जारी कर इनकी कीमतें तय की थीं, जिनके अनुसार दो प्लाई के मॉस्क बाजार में आठ रुपए तथा तीन प्लाई के मॉस्क दस रुपए की कीमत से अधिक में नहीं बेचे जाएंगें। इसी प्रकार से हैंड सेनेटाईजरों की कीमत दो सौ एमएल का हैंड सेनेटाईजर सौ रुपए की दर से अधिक में नहीं बेचा जा सकेगा तथा इसी अनुपात में बड़ी पैकिंग की कीमत तय की जाएंगी। भारत सरकार द्वारा जारी इन नोटिफिकेशनों में यह भी साफ किया गया था कि एन 95 मॉस्क की कीमत उनके उत्पादकों से हिसाब से अलग-अलग तय की गई थी।
भारत सरकार के इन नोटिफिकेशनो के बाद भी कहीं बाजार में यह उत्पाद अधिक कीमत पर तो नहीं बेचे जा रहे हैं इसकी जांच के लिए आज प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त अशोक कुमार मीणा तथा प्रदेश के औषधि नियंत्रक अधिकारी नरेन्द्र आहुआ ने विभाग को यह सुनिश्चित करने के आदेश आधीनस्थ अधिकारियों को जारी किए। जिस पार आज फरीदाबाद में वरिष्ठ औषधि नियंत्रक अधिकारी करण गोदारा के नेतृत्व में जिला औषधि निरीक्षक पूजा चौधरी तथा संदीप गहलान ने आज जिले के अलग-अलग भागों में मैडीकल स्टोरों पर जाकर इन उत्पादों के बेचे जाने वाले रेटों की जांच की तो पाया कि सभी जगह पर भारत सरकार द्वारा तय कीमतों से भी कम कीमत पर यह उत्पाद मार्केट में बेचे जा रहे हैं। इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए वरिष्ठ औषधि निंयंत्रक अधिकारी करण गोदारा ने बताया कि उनकी टीम ने आज एनआईटी नम्बर एक, दो, तीन, पांच, डबुआ कालोनी तथा नहर पार गे्रटर फरीदाबाद में कार्यरत विभिन्न मैडीकल स्टोरों पर छापा मार कर यह जांच की कि आखिर इन सभी मैडीकल स्टोरों पर यह मॉस्क व हैंड सेनेटाईजर किस कीमत पर बेचे जा रहे हैं। करण गोदारा ने बताया कि उनकी टीम ने पाया कि अधिकतर दुकानों का तय कीमत से भी कम कीमत पर यह मॉस्क तथा सेनेटाईजर बेचे जा रहे हैं। श्री गोदारा के अनुसार इस समय फरीदाबाद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजर का उत्पादन खपत से अधिक है इस कारण ब्लैकमाकेटिंग का तो सबाल ही पैदा नहीं होता बल्कि जिस मॉस्क का रेट सरकार ने आठ रुपए तय किया हुआ है वह दो व तीन रुपए में मार्केट में उपलब्ध है, इसी प्रकार से तीन प्लाई का मॉस्क भी बाजार में पांच से छह रुपए की कीमत में आसानी से उपलब्ध है।
श्री करण गोदारा का मानना है कि वर्तमान बाजार के हालातों को देखते हुए भारत सरकार को इन मॉस्क तथा हैंड सेनेटाईजरों की कीमतों को और कम तय कर देना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ लेसकें। करण गोदारा ने बताया कि विभाग के आयुक्त अशोक मीणा तथा प्रदेश औषधि नियंत्रक नरेन्द्र आहुजा के साफ आदेश हैं कि यदि कोई भी दवा विक्रेता तय कीमत से अधिक या फिर मानकों को पूरा न करने वाले उत्पाद बेचता पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विचारणीय है कि इससे पूर्व खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने हैंड सेनेटाईजर की गुणवत्ता को लेकर जांच अभियान चलाया था,जिसके तहत विभिन्न मैडीकल स्टोरों पर बेचे जा रहे हैंड सेनेटाईजरों के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे ताकि यह सुनिश्चित हो सकें की कहीं पर मानकों के विपरित तो हैंड सेनेटाईजर नहीं बेचे जा रहे हैं।