Faridabad News, 08 July 2020 : फरीदाबाद में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। डीपीएस 81, मॉडर्न डीपीएस, अरावली, आदि स्कूल अभी भी बढ़ी हुई फीस अभिभावकों से वसूल रहे हैं उन्होंने ट्यूशन फीस में कई फंडों को मर्ज कर दिया है वे उसी को ट्यूशन बताकर फीस मांग रहे हैं। इससे हैरान व परेशान डीपीएस 81 के अभिभावकों ने बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर प्रदर्शन किया। पहले तो जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि अहलावत ने मिलने से इनकार कर दिया बाद में अभिभावक वरुण गुप्ता, सुमित अरोड़ा, गौरव शर्मा ,तरुण मदान मानव शर्मा, अखिल सचदेवा, गौरव आहूजा , विभु भाटिया को बातचीत के लिए बुलाया। अभिभावकों ने डीईईओ को बताया कि डीपीएस 81 के प्रबंधक ने ट्यूशन फीस में कई फंडों को मर्ज कर दिया है और वह उसी को ट्यूशन फीस बता कर के फीस वसूल रहा है कई बार मांगने पर फीस का ब्रेकअप नहीं दिया है। इस बारे में अप्रैल व मई महीने में जिला शिक्षा अधिकारी, चेयरमैन एफएफआरसी, डीसी को शिकायत की गई है।
चेयरमैन एफएफआरसी ने शिकायत पर स्कूल को नोटिस भी दिया है लेकिन स्कूल पर उसका कोई असर नहीं है । जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों को बताया कि इस स्कूल की जितनी भी शिकायत आई हैं उन पर कार्रवाई करने के लिए चेयरमैन एफएफआरसी को लिखा गया है और कार्रवाई भी चेयरमैन एफएफआरसी द्वारा ही की जानी है। इस पर अभिभावकों ने बताया कि पहले वह चेयरमैन एफएफआरसी के ऑफिस में ही गए थे वहां से कहा गया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर के मिलो। अभिभावकों का आरोप है कि कार्रवाई के नाम पर अभिभावकों को फुटबॉल की तरह कभी एफएफआरसी, कभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दौड़ाया जा रहा है पर सही मायनों में उचित कार्यवाही कहीं से भी नहीं हो रही है। अब अभिभावकों ने दोनों ऑफिस में आरटीआई लगाकर के स्कूल प्रबंधक ने जो नोटिस का जवाब दिया है उसकी कॉपी और इस स्कूल के पिछले 4 साल के फार्म 6 की फोटोकॉपी मांगी है जिससे यह दिखाया जा सके कि इस स्कूल की ट्यूशन फीस क्या थी। अभिभावकों का कहना है कि वह सरकार के आदेश के तहत जायज ट्यूशन फीस देने को तैयार हैं लेकिन उसे स्कूल लेने से इनकार कर रहा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने चेयरमैन एफएफआरसी से कहा है इस स्कूल के अभिभावकों की जायज मांग पर शीघ्र से शीघ्र उचित कार्रवाई की जाए, स्कूल प्रबंधक से फीस का ब्रेकअप देने को कहा जाए और जायज ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से दिलवाई जाए।