Faridabad News, 09 July 2020 : यूजीसी द्वारा अंतिम सत्र की लिखित या ऑनलाइन परीक्षाओ के आदेश आने के बाद से ही छात्रों ने विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है तो वही फरीदाबाद एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष के नेतृत्व में सेकड़ो छात्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने हकों की बात केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल की अर्थी मटके पर लगाकर बी के चौक पर रोष प्रदर्शन व्यक्त कर की। विकास फागना के नेतृत्व में छात्रों ने प्रदर्शन में भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तो वही राज्य सरकार को सचेत करने के लिए भी छात्रों में आक्रामकता दिखाई दी। बिन तली का लौटा,रमेश पोखरियाल नारो को केंद्रित कर छात्रों ने रोष व्यक्त किया तो वही विकास फागना ने कहाकि केंद्र व राज्य सरकार में कोई समन्वन्य नही है।इसके साथ ही यूजीसी का भी सरकारों से कोई समन्वय नही है जो हर रोज खुद के ही आदेशो को बदलने का कार्य करते है। साथ ही भाजपा का छात्र संगठन एबीवीपी भी गिरगिट की तरह रंग बदलने में कम नही है और छात्र विरोधी चेहरा अब बेनकाब भी हो गया है। एक तरफ तो झूठे ढोंग कर पहले बिना परीक्षाओ के प्रोमोट करने के फैसले पर झूठा श्रेय लेने के लिए ब्यान देते है फिर उसके बाद अब जब छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले फैसले जिसमे फाइनल सत्र के छात्रों को परीक्षाए देने के आदेश दिए है उसका स्वागत कर अपना असल चेहरा एबीवीपी ने दिखा दिया है।
विकास फागना के अनुसार ऐसे समय मे कोरोना महामारी के चलते छात्रों के लिए परीक्षाए करवाना मौत के मुंह म डालने से कम नही है,वही ऑनलाइन परीक्षाओ के लिए कोई साधन नही है। उन्होंने कहाकि यू तो हरियाणा में सभी छात्रों को बिना परीक्षाओ के प्रोमोट करने के लिए एनएसयूआई हरियाणा के अध्यक्ष दिव्यांशु ने कोर्ट में लड़ाई भी लड़ी थी जिसमे राज्य सरकार को आदेश पारित कर सभी छात्रों को बिना परीक्षाओ के प्रोमोट करने के आदेश जारी करने पढ़े थे जिसके बाद सरकार ने एक गाइडलाइन जारी करके इस संदर्भ में एक मेकेनिज़्म भी जारी कर दिया था।
विकास फागना ने बताया की अब हरियाणा में छात्रों की परीक्षाओ पर एक बार फिर संशय बनने पर दिव्यांशु ने हरियाणा सरकार को सचेत किया कि यदि हरियाणा में फैसले में कोई बदलाव किया तो परिणाम अच्छे नही होंगे।उनका कहना है कि वायदाखिलाफी छात्रों से नही होने दी जाएगी।यदि हरियाणा में कोई बदलाव किया गया तो जरूरत पढ़ने पर कोर्ट की अवमानना के मामले में पुनः हाईकोर्ट की शरण लेंगे।
ऋतिक खटाना ने कहाकि की अनेको छात्रों की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के चलते काफी कमजोर है,ऐसे में एक तरफ तो सरकार ने फीस का आर्थिक बोझ डाल दिया तो सरकार द्वारा प्रोमोट करने के आदेश के बाद काफी छात्रों ने गुजारे के लिए अपनी किताबे व स्टडी मेटियरल आदि जानकारों को बेच भी दिया है।अब यदि परीक्षा की कोई योजना बने तो यह छात्रों पर दोहरी मार से कम नही होगी।हरियाणा में ऐसा कतई होने नही दिया जाएगा जिस प्रकार पहले सड़क से कोर्ट तक लड़ाई लड़ी उसी प्रकार अब दोबारा लड़नें में पीछे नही रहेंगे। इस मौके पर सोमैया त्रिपाठी ,मनीषा, बिट्टू सिंह ,सौरव देशवाल,लोकेश चौधरी,अवधेश गुप्ता,मोहित मोर,अक्षय मोर,श्याम शर्मा,हर्ष भड़ाना,विकास चंदीला,विशाल फागना,सचिन,विशु,रोहित,योगेश,विमल आदि मौजूद थे।