अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतें बढ़ी

0
1442
Spread the love
Spread the love

New Delhi, 10 July 2020 : दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और कॉर्पोरेशंस की ओर से कामकाजी परिस्थितियों में सामान्यीकरण का आह्वान किया गया है। हालांकि, सभी देश वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर सावधान हैं और संभावित वैक्सीन और कुशल उपचार खोजने की दिशा में संसाधनों को समर्पित कर रहे हैं।

सोना
बुधवार को, स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.88 प्रतिशत अधिक हो गईं। कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि के कारण 1810.1 डॉलर प्रति औंस पर बंद होने से पीली धातु की मांग बढ़ी।

दुनियाभर में 210 से अधिक देशों में 11.89 मिलियन से अधिक लोगों में संक्रमण से महामारी का फैलाव बढ़ गया है। दुनियाभर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने व्यावहारिक प्रोत्साहन घोषित किए हैं, ब्याज दरें शून्य के करीब मंडरा रही है, यह सभी फेक्टर सोने की कीमतों को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। अमेरिकी डॉलर की घटती लागत ने अन्य मुद्रा धारकों के लिए भी सोना सस्ता कर दिया है।

कच्चा तेल
बुधवार को, डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ, जो 40.6 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। ऐसा आर्थिक सुधार की अवधि में विस्तार को लेकर बाजार की भावनाओं की वजह से हुआ।

हालांकि, गैसोलीन की मांग में लगातार वृद्धि देखी गई। एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) की रिपोर्टों के अनुसार, यू.एस. गैसोलीन के स्टॉकपिल्स 4.8 बैरल से अधिक कम हुए हैं जबकि मांग 8.8 मिलियन बीपीडी से बढ़ गई। ओपेक देशों ने अगले महीनों में आक्रामक उत्पादन कटौती जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को सीमित रखने में मदद मिली।

दुनिया के कई हिस्सों में हवाई यातायात और लॉकडाउन पर प्रतिबंध दोबारा लगाने से कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने पर भी इसका असर पड़ा।

बेस मेटल्स
बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल्स की कीमतें बढ़ने से दुनियाभर में गंभीर आपूर्ति संकट के बीच शीर्ष धातु उपभोक्ता चीन से मांग में वृद्धि दर्ज की गई।

जून-2020 में, चीन के जिंक उत्पादन में 8.3 प्रतिशत (वायओवाय) की गिरावट आई, जो फरवरी-2020 के बाद सबसे कम है। उत्पादन घटकर 396,000 टन हो गया, जो मई-2020 में चीन के उत्पादन से 11,000 टन कम है।

अलास्का में रेड डॉग माइनर्स से शिपमेंट में देरी की वजह से जिंक उत्पादन में लगातार कमी ने जिंक की कीमतों का समर्थन किया।

हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच असहमति बढ़ गई, अमेरिका ने कोरोनोवायरस को नियंत्रित करने में विफलता के लिए चीन पर दोष मढ़ा। इस फेक्टर ने बेस मेटल्स की कीमतों में वृद्धि को सीमित कर दिया।

कॉपर
बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर कॉपर की कीमतें 0.71 प्रतिशत बढ़कर 6,232 डॉलर प्रति टन पर बंद हुईं क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े तांबा उत्पादकों में से एक चिली में खदानें बंद हुई थीं। शीर्ष धातु उपभोक्ताओं की मांग में वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ीं।

दुनियाभर की सरकारों को पर्याप्त स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, गरीबी और भुखमरी की समस्याओं से निपटने के लिए हाथ मिलाना पड़ेगा। इस तरह के प्रयास विश्व अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति की ओर बढ़ने में मदद करेंगे और इसे मंदी में जाने से रोकेंगे।

प्रथमेश माल्या, एवीपी- रिसर्च नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here