Faridabad News, 25 Aug 2020 : हरियाणा की पंचायती राज व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होने जा रहा है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जहां पर काम न करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को वापस घर बैठाने की पॉवर ग्रामीणों के पास होगी। इसी तरह हर दूसरे गांव की सरपंच महिला होगी जो कि ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के लिए क्रांतिकारी कदम होगा। बुधवार से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा सत्र में बिल लाकर इस पर चर्चा की जाएगी।
युवा जेजेपी नेता व अधिवक्ता माणिक मोहन शर्मा ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का सपना था कि चयनित प्रतिनिधि अगर लोगों में अपना विश्वास खो देता है तो जनता को ‘राइट-टू-रिकॉल’ का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में इसकी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने पंचायती राज के अधीन चुने जाने वाले सरपंच का उदाहरण देते हुए बताया कि कई बार सरपंच पर अपने पद के दुरूपयोग के आरोप लगते हैं जिसमें लोग चाहते हैं कि उसको पद से हटाया जाए। ऐसे में अगर ‘राइट-टू-रिकॉल’ का कानून बन जाएगा तो ग्रामीण मतदाताओं को सरपंच को हटाने का अधिकार मिल जाएगा।
युवा जेजेपी नेता ने बताया कि हरियाणा में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने का बिल भी सदन में रखा जाएगा। इस बिल के पास होने से ग्रामीण परिवेश में रह रहीं महिलाओं के लिए न केवल राजनीति के नए द्वार खुलेंगे बल्कि उन्हें खुद को साबित करने का एक प्लेटफॉर्म मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह पंचायती राज संस्थाओं में बीसीए के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण निर्धारित करने संबंधित बिल लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी सत्र में प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियों देने के लिए बिल लेकर आएंगे।
युवा जेजेपी नेता व अधिवक्ता माणिक मोहन शर्मा ने बताया कि सोमवार से शहरी क्षेत्र में जमीनों की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है और इसके बाद अगले सोमवार तक रजिस्ट्री का कार्य शुरू हो जाएगा।