“हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता” विषय पर साप्ताहिक कार्यक्रम संपन

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Faridabad News, 13 Sep 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सिविल इंजीनियरिंग तथा पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा “हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता” विषय पर आयोजित एक सप्ताह का ऑनलाइन फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम संपन्न हो गया। टीईक्यूआईपी-3 द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में देश भर के 18 राज्यों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा से पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के डीन डॉ. विनोद कुमार गर्ग समापन सत्र में मुख्य अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर प्रसार एनर्जी कंसल्टेंट्स के निदेशक डॉ. दीपक वर्मा विशिष्ट अतिथि रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए संतुलित दृष्टिकोण पर बल दिया। उन्होंने समाज में पर्यावरण संबंध मुद्दों पर जागरूकता लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए सिविल इंजीनियरिंग और पर्यावरण विज्ञान विभाग को बधाई दी।

डॉ. विनोद कुमार गर्ग ने अपने संबोधन में पर्यावरण अनुकूलित उपायों को बढ़ावा देने और पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यक्रम आयोजित करने तथा इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रत्येक वर्ष ‘नीले आकाश के लिए स्वच्छ हवा’ दिवस मनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जो पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है। पहला नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 7 सितंबर, 2020 को मनाया गया है।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. दीपक वर्मा ने पर्यावरणीय स्थिरता के लिए ग्रीन टेक्नोलॉजीज की उपयोगिता और रेट्रोफिट सिस्टम का उपयोग करके ऊर्जा दक्षता में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे पुराने उपकरणों में नए पुर्जों को लगाकर ऊर्जा दक्षता में सुधार हो सकता है और पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिल सकती है।

इससे पहले, सिविल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. एम.एल. अग्रवाल ने सप्ताह भर के कार्यक्रम पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। पर्यावरण विज्ञान की अध्यक्षा डॉ. रेनूका गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। डॉ. सोमवीर बाजड़ और डॉ. विशाल पुरी कार्यक्रम के आयोजक सचिव रहे।

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