Faridabad News/ Sunny Dutta : कहने को तो स्मार्ट सिटी पर हकीकत कुछ और ही है जनाब। एन एच 5 नंबर महिला कॉलेज के सामने वाली सड़क के किनारे लगा हुआ है गंदगी का ढेर। शहर में कई इलाको में गंदगी के ढेर लगे हुए है सड़को के किनारों पर शायद इसी को विकास और स्मार्ट सिटी कहा जाता है। वैसे तो सरकार के द्वारा संचालित बहुत सी गौशालाएं शहर में है पर्याप्त रूप से कार्य कर रही है, लेकिन फिर भी सड़को पर गायों को गंदगी के ढेर में मुँह मारते देखा जा सकता है। समय समय पर सरकार सड़को पर घूम रहे आवारा पशुओं के लिए कानून बनाती है और उनको गौशालाओं में भी लेकर जाती है किन्तु सरकार का यह कदम भी फ़ैल होता नज़र आता है जब यह आवारा पशु खुले में सड़को पर घूमते दिख जाते है। सरकार कितने दावे कर ले पर सच कुछ और ही है। गाय को हमारे यहाँ माता का दर्जा दिया हुआ है लेकिन वही जब यह गंदगी के ढेर में से खाना ढूँढ कर खा रही होती है तो शायद गाय माता का दर्जा झूठा लगने लगता है। लाख कोशिश के बाद भी लोग नहीं सुधरे खाने पीने की वस्तुओं को प्लास्टिक की पॉलीथिन में डाल कर सड़क पर फेक देते है और यही पॉलीथिन खा कर गाय बीमार पड़ जाती है। बहुत से गोरक्षक है जो लड़ने मरने के लिए तो उग्र रहते है लेकिन जब यही गौमाता गंदगी के ढेर में मुँह मार रही होती है तो कोई आगे नहीं आता।
ना तो शहर में सफाई व्यवस्था है ना ही आवारा पशुओं के लिए सही ठिकाना बस बड़ी-बड़ी बातें और विकास के नाम पर खोखले दावे जो अक्सर सरकार करती आयी है। विकास हो रहा है लेकिन क्या यह विकास का तरीका सही है। महात्मा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा चलाये गए स्वछता अभियान को क्या इसी तरीके से पूरा किया जायगा।