Faridabad News, 17 Nov 2020 : 26 गांव को नगर निगम में शामिल किए जाने का विरोध शांत होने का नाम नहीं ले रहा, नगर निगम में लिए जाने को लेकर ग्रामीणों ने इससे पहले जिला उपायुक्त और अपने अपने हल्का के विधायकों और नेताओं को ज्ञापन दिए, यहां तक कि युवाओं ने गांवों को नगर निगम में शामिल ना करने को लेकर अपने खून से लिखे पत्र को भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी भेजा और अब तो सभी गांवों ने नगर निगम के खिलाफ अपना प्रस्ताव (रेजूलेशन) पास करके प्रशासन को दे दिए हैं लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं जिसको लेकर 26 गांव के ग्राम वासियों में भारी रोष है इसी को लेकर जल्द ही 26 गांवों के सरपंचों की एक बैठक रखी जाएगी जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी
वही युवा पंचायत अध्यक्ष जसवंत पवार ने बताया कि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कई बार कहा है कि जिन गांव ने नगर निगम के खिलाफ अपने रेजूलेशन दे दिए हैं ऐसे किसी भी गांव को जबरदस्ती नगर निगम में शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन फिर भी हरियाणा सरकार इन गांव को जबरदस्ती नगर निगम में शामिल करवाना चाहती है अगर यह गांव नगर निगम में आ गए तो इन खुशहाल गांव को भी नगर निगम की तरह नरक बना दिया जाएगा, सरकार फिर भी जबरदस्ती इन गांवों को नगर निगम में शामिल करवाती है तो यह लोकतंत्र का गला घोटने जैसा होगा जिसका खामियाजा हरियाणा सरकार को भुगतना पड़ेगा
वहीं सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष महिपाल आर्य ने बताया कि हम नेताओं, विधायकों और प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं यहां तक कि सभी गांवों ने नगर निगम के खिलाफ अपने रेजूलेशन दे दिया है लेकिन अभी तक भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई है अगर सरकार हमारी जल्द सुनवाई नहीं करती है तो हम आगे भूख हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे, सभी सरपंचों ने एक स्वर में कहा कि कुछ भी हो जाए लेकिन हम अपने गांव नगर निगम में नहीं जाने देंगे