फसलों के अवशेष को जलाना पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल एक्ट का भी उलंघन है : एसडीएम अपराजिता

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Faridabad News, 19 Nov 2020 : एसडीएम अपराजिता ने कहा कि उपमंडल में पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा धान फसल की पराली प्रबंधन के लिए किसानों को सरकार द्वारा जारी की गई योजना के तहत मशीनरी की खरीद पर 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धान की पराली जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे मनुष्य तथा अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

एसडीएम अपराजिता ने आगे बताया कि सरकार द्वारा हिदायतों के अनुसार फसलों के अवशेष को जलाना पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल एक्ट का भी उलंघन है। इसमें ईपीसी एक्ट 1981 की धारा 188 के तहत छः माह की सजा तथा जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके आलावा हरियाणा सरकार के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की हिदायतों के अनुसार उपायुक्त द्वारा जारी आदेशों की पालना के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। एसडीएम ने बताया कि उपमंडल में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण तथा वायु में प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण नियम, 1983 के तहत भी आदेश जारी किए गए हैं। ताकि बल्लभगढ़ उपमंडल में पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण किया जा सके।

उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया कि हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, मल्चर मशीन, रीपर वाईन्डर, जीरो टिलेज मशीनों पर अनुदान दिया जा रहा है। मशीनरी पर एकल किसान को 50 प्रतिशत और किसानों के समूह को कस्टम हाइरिगं केन्द्र बनाने के लिए मशीनरी की खरीद पर 80 प्रतिशत तक धनराशि का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

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