Health News, 19 March 2021 : आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आम जीवन को सुखद पूर्ण व्यतीत करने के लिए फिजियोथैरेपी बहुत महत्वपूर्ण है। ड़ॉ जितेंद्र सिंगला ने बताया कि चेस्ट फिजियोथैरेपी के द्वारा फेफड़ों में द्रव या बलगम को स्थानांतरित किया जाता है। इससे खाँसी को भी सही किया जाता है।
उन्होंने बताया कि चेस्ट फिजियो सिस्टिक फाइब्रोसिस और सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) जैसी बीमारियों के इलाज में मदद मिलती है। यह सर्जरी के बाद और गतिहीनता के दौरान भी निमोनिया को रोकने के लिए फेफड़ों को साफ रखता है। चेस्ट फिजियोथेरेपी केवल एक विधि है जिसका उपयोग श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। जिससे मरीज को जल्दी से रोग से निजात मिलती है और मरीज स्वस्थ होता है।
चेस्ट फिजियोथेरेपी के फायदे
उक्त मरीज की अगर चेस्ट में किसी प्रकार की दिक्कत है तो उसको ठीक करने के लिए डॉक्टर चेस्ट फिजियो की सिफारिश कर सकता है, ताकि ढीली और अधिक खांसी या फेफड़ों के स्राव को कम करने में मदद मिल सके जैसे कि: एक्टेलासिस, जिसमें आपके फेफड़ों में परेशानी होती है। ब्रोन्किइक्टेसिस, जिसमें आपके फेफड़ों में बड़े वायुमार्ग क्षतिग्रस्त और चौड़े होते हैं । सीओपीडी (पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग), जिसमें वातस्फीति और पुरानी ब्रोंकाइटिस शामिल हैं । सिस्टिक फाइब्रोसिस, जो एक आनुवंशिक विकार है जो फेफड़ों और अन्य अंगों में मोटी, चिपचिपा बलगम का निर्माण करता है । इस तरह की बीमारियों को मरीज को चेस्ट फिजियोथैरेपी से दूर किया जाता है।
डॉ सिंगला के अनुसार चेस्ट फिजियोथैरेपी लेने से उक्त मरीज को लंबे समय तक निमोनिया, सांस आदि जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। जैसे – फेफड़े में संक्रमण, निमोनिया, तीव्र ब्रोंकाइटिस और फेफड़े के फोड़े आदि जैसी समस्या शामिल है। ड़ॉ जितेंद्र ने बताया कि चेस्ट की सर्जरी के बाद जो गहरी साँस लेने में मुश्किल बनाती हैं। इस तरह कि समस्या को दूर करने के लिए चेस्ट फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है, जिससे मरीज को किसी भी प्रकार कि समस्या न हो और साथ ही सर्जरी के बाद निमोनिया और सांस लेने की अन्य समस्याओं को रोकने में मदद करती है।
पलवल के चर्चित फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सिंगला ने बताया कि चेस्ट फिजियोथेरेपी के द्वारा फेफड़ों, जो जल निकासी में मदद मिलती है। जिससे अक्सर वायुमार्ग को खोलने गीला, पतला , बलगम को तोड़ने के लिए उपयोगी होते हैं। यह आमतौर पर अधिकांश रोगियों के लिए सुरक्षित होता है जब तकनीक रोगी की स्थिति के लिए उपयुक्त होती है।
फिजियोथेरेपी के बाद क्या उम्मीद होती है?
चेस्ट पीटी कठिन काम है और थका देने वाला हो सकता है, लेकिन आप थेरेपी को बेहतर सहन करेंगे क्योंकि आपकी स्थिति में सुधार होता है। समय के साथ, चेस्ट की फिजियोथेरेपी आपको आसान साँस लेने में मदद करती है, आपके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ोतरी होती है और आपके ऊर्जा स्तर में भी सुधार होता है। एक बार स्वस्थ जीवन यापन करने में चेस्ट फिजियोथैरेपी मदद करती है।