कोटपा अधिनियम के तहत खुली सिगरेट बेचने पर 127 लोगों के किए चालान

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Faridabad News, 12 July 2021 : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रणदीपसिंह पुनिया ने बताया कि सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद वाणिज्य, व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन वितरण के विनिमय के अधिनियम 2003 कोटपा के दिशा निर्देशों नियमित रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में नोडल अधिकारी डाँ नरेन्द्र कौर की टीम द्वारा 127 लोगों के चालान किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि जिला में धूम्रपान निषेध ऑफ का अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार तम्बाकू निषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

डाँ रणदीप पूनिया ने बताया कि सिगरेट एवं तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के अधिनियम तहत कैद /जुर्माना लागाने का प्रावधान है।सार्वजनिक स्थान पर अधिनियम अनुसार ‘धुम्रपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है । सार्वजनिक स्थान पर ऐश-ट्रे, लाईटर, माचिस इत्यादि धूमपान के प्रमाण पाए जाने पर तम्बाकू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड, टीवी, प्रथम उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है। किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पैफलिट, स्टिकर होटिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करने पर 1000 रुपए तक जुर्माना तम्बाकू उत्पादों का प्रचार (Promotion) अधिनियम में शामिल है। यह उलघंन करने पर 5 वर्ष का कारावास तंबाकू कपनियों से प्रायोजन/Sponsorship लेना भी शामिल है। जुनायल जस्टिस एक्ट -2015, बाल न्याय अधिनियम-2015 के अंतर्गत अव्याक को तंबाकू उत्पाद बेचने/पेश करने पर कार्यवाही करना भी शामिल है। प्वाइजन एक्ट अधिनियम के अंतर्गत ई-सिगरेट व हुक्का बार पर कार्यवाही करना शामिल हैं। मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत गाड़ी/वाहन चलाने पर में सिगरेट पीने पर कार्यवाही करना शामिल है। काला- बाज़ारी के अंतर्गत तंबाकू विक्रेताओं पर नकेल कसना भी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 में शामिल है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू विरोध कार्यक्रम विभिन्न स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में एनटीसीपी द्वारा द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार प्रतियोगिताएं करवाई जा रही है। इसके अलावा जिला में अन्य मदों के माध्यम से सिगरेट और अन्य तंबाकू निषेध बारे आम जन को जागरूक किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रणदीप पुनिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित करके प्रशिक्षण के माध्यम से अन्य विभागों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है और तंबाकू अधिनियम के क्रियान्वयन बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटपा एक्ट की हिदायतों के अनुसार जिला में सभी नियमों को लागू किया गया है। इसके लिए विभिन्न स्थानों को धूम्रपान निषेध क्षेत्र बनाए गए है। उन्होंने बताया कि सभी शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य और उनके अध्यक्षों को तंबाकू मुक्त शिक्षण बारे प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा सिगरेट और तंबाकू अधिनियम 2003 कोटपा के नियमों की पूर्ण पालना करने दृढ़ता से पालन करने बारे प्रेरित किया जा रहा है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया किशैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना,उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना, जिस पर अधिनियम निर्माता हेतु दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो तो अप्रैल 2016 प्रथम बार 2 वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई थी। इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम तथा /या 5000 रुपए तक जुर्माना अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना खुली सिग्रेट, बोड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर विक्रेता को दण्ड प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद तथा/या 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है। इसी प्रकार 2 वर्ष तक की कैद द्वितीय बार तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को नियमित रूप से न चलाने पर प्रावधान है।

 

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