Ambala News : रेयान स्कूल में नन्हे प्रद्युम्न की हत्या के बाद प्रशासन की नींद तो खुल गई है लेकिन स्कूलों की लापरवाही अभी खत्म नहीं हुई है। अंबाला में आज बाल सरंक्षण विभाग व चाईल्ड वेलफेयर कमेटी ने चेकिंग अभियान चलाया जहां स्कूलों की कई खामियां सामने आई।
स्कूल में बच्चों के लिए हेल्पलाईन नम्बर की सही जानकारी न तो टीचर्स को थी और न ही छात्रों को। स्कूल में छात्राओं के लिए बने टॉयलेट्स में न कुंडी थी और न साबुन था। स्कूल में आग से बचने के लिए लगाए गए सिलेंडर एक्सपायर हो चुके थे। कई स्कूलों में तो बच्चों की बेंच भी जर्जर हो चली हैं।
इसके इलावा स्कूल के कमरों में लाइट की कोई भी उचित व्यवस्था नहीं है। किसी कमरे में एक ही लाईट है तो किसी कमरे में वो भी खराब है। ऐसे में छात्रों की आंखों पर कम रोशनी का कितना प्रभाव पड़ता होगा आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं।
स्टाफ ने न्यू ज्वाइनिंग का हवाला देकर पीछा छुड़ाया
इस मामले को लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उनके सामने कई तरह की खामियां सामने आई है जिसको लेकर स्कूल प्रिंसिपल से जवाब तलब किया जाएगा और विभाग को चिट्ठी लिखी जाएगी। इन लापरवाहियों पर स्कूल के सारे स्टाफ का कहना था कि वो स्कूल में न्यू ज्वाइनिंग है इसलिए उन्हें इन कमियों की जानकारी नहीं है।
1 साल से नहीं खुली शिकायत पेटी
स्कूल खामियों में सबसे बड़ी एक लापरवाही यह थी कि लड़कियों के स्कूल में शिकायत पेटी को 1 साल से खोला ही नहीं गया था अगर टीम न पहुंचती तो शायद यह शिकायत पेटी सालों और न खुलती। जब इस कंप्लेंट बॉक्स को खोला गया तो इसमें ज्यादातर चिट्ठियां स्कूल टीचर्स के तबादलों को रोकने के लिए थी और एक चिट्ठी मिड-डे मील में साफ सफाई न होने की थी।
शिकायत पेटी से निकली दर्द भरी चिट्ठी
चौंकाने वाली बात ये है कि इस शिकायत पेटी से एक चिट्ठी में स्कूल की शिकायत नहीं बल्कि किसी बच्ची की उसके दादा-दादी के नाम की भी थी। हालांकि चिट्ठी फट गई थी जिस वजह से बच्ची का नाम पता न चल पाया लेकिन इतना जरूर पता चला कि बच्ची ने यह चिट्ठी उसके दादा तक पहुंचाने की अर्ज लगाई है।
बच्ची ने लिखा है कि उसके भाई बहन उसे तंग करते हैं उसकी चिट्ठी दादा तक पहुंचाया ताकि वो उसे यहां से ले जाये। ये बच्ची कौन है इसका पता लगाया जा रहा है।