डॉक्टर शीबा कल्याण बिस्वाल, कंसल्टेंट, पल्मोनरी एंड स्लीप मेडिसिन, नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम

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Gurugram News, 29 Nov 2021: प्रदूषित वातावरण न केवल किसी रोगी बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी जोखिम भरा होता है, इसलिए हम सभी को सावधानी बरतने की ज़रूरत है। प्रदूषित हवा के संपर्क में आते ही अस्थमा के रोगियों को सांस की तकलीफ, बुजुर्गों में लगातार खांसी की समस्या के साथ गंभीरता शुरू हो सकती है। और इसके साथ ही पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों में सांस की तकलीफ बढ़ते ही अतिरिक्त रोगों का जोखिम भी बढ़ सकता है, जैसे हृदय के संचालन पर दबाव पड़ना। इसके अलावा सर्द मौसम शुरू होते ही सुबह के समय ख़ास तौर पर स्मॉग की समस्या सामने आ जाती है। ऐसे में अस्थमा, सीओपीडी के रोगी व बुज़ुर्ग सुबह की सैर से परहेज़ करें। अस्थमा, सीओपीडी व अन्य श्वसन सम्बंधित समस्या से जूझ रहे रोगी अचानक खुली हवा के संपर्क में आने से परहेज़ करें। यदि कहीं जा रहे हैं तो अपने बैग में अपनी नियमित ली जाने वाली दवाएं, इन्हेलर, नेबूलाइज़र आदि साथ रखें, साथ ही अपने सम्बंधित डॉक्टर के संपर्क में रहें। किसी मामूली लक्षण को भी नज़रअंदाज़ न करें। बच्चों का विशेष ख़याल रखें।

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