फरीदाबाद, 21 दिसंबर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि जिला विजिलेंस मॉनिटरिंग कमेटी में आए केसों के पीड़ितों को सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पूरा मुआवजा देना सुनिश्चित करें। इसके अलावा पुलिस व प्रशासन के अधिकारी आपस में तालमेल करके लोगों के अनुसूचित जनजाति के पीड़ित केसो का निदान निर्धारित समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त जितेंद्र यादव ने यह दिशा निर्देश आज मंगलवार को जिला विजिलेंस मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिए। उपायुक्त जितेन्द्र यादव जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में डीसीपी मुकेश कुमार, एसीपी बलवीर सिंह, जिला कल्याण अधिकारी जयपाल सिंह हुड्डा क्लर्क प्रीतम सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर निगम, जिला मत्स्य विभाग, विमुक्त एवं घुमंतू जाति विकास बोर्ड के सदस्य रोहताश कुमार, भनकपुर में पंचायत के पूर्व सरपंच सचिन, मिर्जापुर के भूपेंद्र नंबरदार, आनंद प्रजापति, भीमसेन सहित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक के पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जिला में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज किए केसों की समीक्षा की गई।
उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि दलित समाज से संबंधित व्यक्तियों जिसकी सीवर सफाई के दौरान मृत्यु हुई है। उन्हें सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के तौर पर देने बारे दिशा निर्देश दिए गए। आपको बता दें अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के नियम 1995 को संशोधित नियमावली 2016 द्वारा संशोधित किया गया है। अनुसूचित जाति के लोगों पर गैर अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा अत्याचार करने पर ₹85000 से लेकर के ₹825000 तक की राशि की उनकी क्षतिपूर्ति आर्थिक तौर पर दी जाने का प्रावधान है।
उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की पूर्ण पालना अनुसूचित जाति अनुसूचित एवं अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले लोगों को मुआवजे के तौर पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पूरी राशि मिलना सुनिश्चित हो। साथ ही कोर्ट में चल रहे केसों की पैरवी भी सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पूरी हो। बैठक में अनुसुचित जाति के अमित कुमार गांव शाहपुर खुर्द, श्रीमती राजो पत्नी दिनेश पर्वतीय कॉलोनी और देवेंद्र पुत्र श्री रति राम निवासी फतेहपुर तगा के केसों में सरकार द्वारा दी गई आर्थिक सहायता राशि की भी समीक्षा की गई और कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पूरी राशि देना सुनिश्चित करें तथा कोर्ट में चालान की भी निर्धारित समय पर पूरा करना पेश करना सुनिश्चित करें।