फरीदाबाद, 9 फरवरी – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम ने दिव्यांगजनों के लिए हैंड जेस्चर (हाथ के इशारे) द्वारा नियंत्रित व्हीलचेयर विकसित की है जो दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन को आसान बनायेगी। हैंड जेस्चर नियंत्रित व्हीलचेयर की मदद से शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति व्हीलचेयर को अपने हाथों से मार्गदर्शित कर एक जगह से दूसरी जगह जा सकता है।
इन दिनों, जब 80 हजार से 1.5 लाख रुपये तक की कीमत वाली जॉयस्टिक नियंत्रित व्हीलचेयर बाजार में उपलब्ध है, तो छात्रों ने दिव्यांगजनों के लिए सस्ती एवं सुविधाजनक व्हीलचेयर विकसित करने लक्ष्य रखा तथा इसे इनोवेटिव खूबियों के साथ 50 हजार रुपये के अंदर-अंदर विकसित करने में सफलता हासिल की। इस प्रोजेक्ट को मैकेनिकल इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की छात्रा संध्या यादव के नेतृत्व में विश्वविद्यालयों के छह युवा इंजीनियर्स ने तीन महीनों के समय में पूरा किया।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के वरिष्ठ संकाय सदस्यों के समक्ष टीम द्वारा व्हीलचेयर के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर डीन क्वालिटी एश्योरेंस प्रो. संदीप ग्रोवर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार, कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग एवं संकाय समन्वयक डॉ. राजीव साहा और डॉ. संजय कुमार भी उपस्थित थे।
टीम ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के मेक्ट्रोनिक्स क्लब के अंतर्गत बनाये गये इस प्रोजेक्ट को ‘मदद’ नाम दिया है। टीम ने बताया कि व्हीलचेयर में हाथ के इशारे पर संचालन एवं गति नियंत्रण की विशेषताएं हैं। टीम ने दावा किया है कि यह प्रोजेक्ट उन दिव्यांगजनों की मदद करेगा जो बिना किसी मदद के एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकते। उन्होंने इस प्रोटोटाइप को और अधिक सुविधाओं और अनुप्रयोगों के साथ विकसित करने की योजना बनाई है ताकि इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सके।