Faridabad News : आज होडल में अनेक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुँचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने भाजपा की युवा हुँकार रैली को पूरी तरह फेल बताते हुए कहा कि इस रैली में न युवा दिखायी दिये और न ही हुँकार सुनायी दी। उन्होंने कहा कि रैली की विफलता को स्वयं श्री अमित शाह ने यह कह कर स्वीकार किया है कि यह रैली नहीं कार्यकर्ता सम्मेलन था, जबकि प्रदेश भर में युवा हुँकार रैली के पोस्टर लगाये गये थे और भाजपा के नेता यह दावा कर रहे थे कि कम से कम दो लाख लोग इस रैली में पहुँचेंगे। सांसद ने आगे कहा कि लगभग सारी कुर्सियां खाली नजर आयीं और जो थोड़े बहुत लोग गये वे भी इस उम्मीद से गये थे कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके लिये कुछ घोषणा करेंगे लेकिन हरियाणा के लोगों के हाथ इस रैली के माध्यम से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस रैली ने साफ़ दिखा दिया कि हरियाणा के लोग भाजपा से पीछे हट गए हैं।
इस रैली ने तीन कीर्तिमान स्थापित किये हैं, पहला यह कि भाजपा की आज की रैली हरियाणा के इतिहास में अभी तक की सबसे महँगी रैली साबित हुई है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने लोगों को अपने हाल पर छोड़ सूबे के सरकारी तंत्र को रैली के आयोजन में लगा दिया और इतना ही नहीं पैरामिलिटरी की अनेकों कम्पनियां लगायी गयीं। दूसरा कीर्तिमान यह है कि सबसे विफल रैली का कीर्तिमान भी इस रैली के नाम दर्ज हुआ है। तीसरा कीर्तिमान यह पहली सत्तापक्ष की प्रदेश स्तरीय रैली रही जिसमे प्रदेश सरकार की तरफ से खर्चा तो किया गया मगर प्रदेश के लोगों के हित के लिए एक पैसे की भी घोषणा नहीं की गयी।
रैली के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कई बार हुड्डा साहब का नाम लिये जाने पर सांसद ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि अब तो भाजपा को हुड्डा साहब का नाम जपना छोड़ अपने द्वारा किये गये कामों का जिक्र करना चाहिये। इससे यह भी साबित होता है कि हुड्डा साहब की दिन प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा कितना डरी हुई है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि भाजपा नेताओं को खाली कुर्सियों को ही भाषण देना था तो टेंट हाउस के सामने ही भाषण दे लेते कम से कम खर्चा बच जाता। पहले भाजपा दावा कर रही थी कि आज जींद में आयोजित युवा हुँकार रैली में लाखों लोगों की हाजिरी होगी मगर रैली के दौरान खाली पड़े पंडाल देख कर भाजपा के हरियाणा के कार्यकर्ताओं में निराशा और मायूसी छायी है।