पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने व्यापारियों को ई-रुपी प्रीपेड वाउचर्स स्वीकार करने में सक्षम बनाया; ऑफलाइन डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया

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New Delhi News, 25 Feb 2022 : भारत के घरेलू पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने घोषणा करते हुए बताया कि वह ई-रूपी (e-RUPI) वाउचर्स के लिए एक आधिकारिक अधिग्रहण भागीदार है, जो इसे देश भर में ऑफलाइन स्टोर्स पर एक्सेस करने योग्य बनाता है। बैंक ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के साथ भी भागीदारी की है, ताकि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के मजबूत व्यापारी आधार का लाभ उठाया जा सके। वन97 कम्युनिकेशंस भारत के अग्रणी डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम का स्वामित्व रखता है। इसके साथ ही व्यापारियों को एक और डिजिटल भुगतान संग्रह विधि के साथ सशक्त बनाया जाएगा जो उन्हें अपनी डिजिटल मौजूदगी को और अधिक मजबूत करने के साथ अधिक ग्राहकों को जोड़ने में मदद करेगा।

ई-रूपी, भारत सरकार (जीओआई) की एक पहल है। यह एक कैशलेस प्रीपेड वाउचर है जिसे लाभार्थी एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद पेटीएम के मर्चेंट पार्टनर इसे स्कैन करते हुए भुगतान की जाने वाली राशि दर्ज कर सकते हैं और सीधे अपने बैंक खाते में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन लाभार्थियों (उपयोगकर्ताओं) को भी लाभ होगा, जिनके पास डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठाने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं या स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है।

पीपीबीएल व्यापारियों को ई-रूपी वाउचर स्वीकार करने के लिए सशक्त बना रहा है, जो इसे बड़ी संख्‍या में उपयोक्‍ताओं तक पहुंचने का अवसर देता है, जो इस पहल के लाभार्थी हैं। यह और अधिक व्यापारियों को कैशलेस लेनदेन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे डिजिटल भुगतान में वृद्धि होगी।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ सतीश गुप्ता ने कहा, “हमारा निरंतर प्रयास देश की कम सेवा वाली और गैर पहुंच वाली आबादी तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच बनाना है। ई-रूपी वाउचर की स्वीकृति के साथ, देश भर के व्यापारी नकद रहित भुगतान को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में अधिक भारतीयों को शामिल करने के सरकार के मिशन को आगे बढ़ाएंगे।’’

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए ई-रुपी वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया था। साथ ही लाभार्थियों को वाउचर का उपयोग कई बार करने की अनुमति दी गई है जब तक कि वे इस वाउचर को पूरी तरह रिडीम नहीं कर लेते हैं।

देश भर में कंपनी के नवीनतम बैंकिंग उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विकास में तेजी आई है। बैंक लगातार तीन वर्षों से मुनाफे में हैं और वित्त वर्ष 2021 में पीएटी (कर पश्‍चात लाभ) 25.8% बढ़कर 37.5 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 20 में यह  29.8 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021 में बैंक का वार्षिक राजस्व 2,200 करोड़ रुपये रहा था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक, सबसे बड़ा यूपीआई लाभार्थी बैंक है और देश भर में फास्टैग जारी करने में भी अग्रणी है। पीपीबीएल उपयोगकर्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का लाभ उठाने की सुविधा देता है, जो भारत सरकार द्वारा एलपीजी गैस सब्सिडी, मनरेगा भुगतान, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं की सब्सिडी को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित करने की एक योजना है।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विषय में

मोबाइल लेनदेन के मामले में पेटीएम पेमेंट्स बैंक का दायरा भारत में सबसे बड़ा है। बैंक भारतीयों को अपने मोबाइल-ऑन्‍ली बचत खातों, चालू खातों, साझेदार बैंकों के साथ सावधि जमा और वॉलेट, यूपीआई, फास्‍टैग जैसे भुगतान साधनों के साथ श्रेणी में सर्वोत्‍तम डिजिटल भुगतान और बैंकिंग अनुभव प्रदान करता है। अप्रैल, 2021 तक लाभार्थी और रेमिटर बैंकों के बीच सबसे कम टेक्निकल डिक्लाइन रेट के साथ बैंक सबसे बड़ा यूपीआई लाभार्थी बैंक है। यह भारत में फास्‍टैग्स का सबसे बड़ा अधिग्रहणकर्ता और जारीकर्ता भी है।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने व्यापारियों को रुपी प्रीपेड वाउचर्स स्वीकार करने में सक्षम बनायाऑफलाइन डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया

– यह व्यापारियों को एक नया डिजिटल भुगतान संग्रह प्रदान करता है जो उन्हें अपनी डिजिटल उपस्थिति बढ़ाने और नए ग्राहकों को जोड़ने में मदद करेगा

– औपचारिक बैंकिंग सेवाओं या स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं रखने वाले लाभार्थियों को लाभ पहुंचाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है

भारत के घरेलू पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने घोषणा करते हुए बताया कि वह ई-रूपी (e-RUPI) वाउचर्स के लिए एक आधिकारिक अधिग्रहण भागीदार है, जो इसे देश भर में ऑफलाइन स्टोर्स पर एक्सेस करने योग्य बनाता है। बैंक ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के साथ भी भागीदारी की है, ताकि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के मजबूत व्यापारी आधार का लाभ उठाया जा सके। वन97 कम्युनिकेशंस भारत के अग्रणी डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम का स्वामित्व रखता है। इसके साथ ही व्यापारियों को एक और डिजिटल भुगतान संग्रह विधि के साथ सशक्त बनाया जाएगा जो उन्हें अपनी डिजिटल मौजूदगी को और अधिक मजबूत करने के साथ अधिक ग्राहकों को जोड़ने में मदद करेगा।

ई-रूपी, भारत सरकार (जीओआई) की एक पहल है। यह एक कैशलेस प्रीपेड वाउचर है जिसे लाभार्थी एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद पेटीएम के मर्चेंट पार्टनर इसे स्कैन करते हुए भुगतान की जाने वाली राशि दर्ज कर सकते हैं और सीधे अपने बैंक खाते में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन लाभार्थियों (उपयोगकर्ताओं) को भी लाभ होगा, जिनके पास डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठाने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं या स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है।

पीपीबीएल व्यापारियों को ई-रूपी वाउचर स्वीकार करने के लिए सशक्त बना रहा है, जो इसे बड़ी संख्‍या में उपयोक्‍ताओं तक पहुंचने का अवसर देता है, जो इस पहल के लाभार्थी हैं। यह और अधिक व्यापारियों को कैशलेस लेनदेन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे डिजिटल भुगतान में वृद्धि होगी।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ सतीश गुप्ता ने कहा, “हमारा निरंतर प्रयास देश की कम सेवा वाली और गैर पहुंच वाली आबादी तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच बनाना है। ई-रूपी वाउचर की स्वीकृति के साथ, देश भर के व्यापारी नकद रहित भुगतान को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में अधिक भारतीयों को शामिल करने के सरकार के मिशन को आगे बढ़ाएंगे।’’

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए ई-रुपी वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया था। साथ ही लाभार्थियों को वाउचर का उपयोग कई बार करने की अनुमति दी गई है जब तक कि वे इस वाउचर को पूरी तरह रिडीम नहीं कर लेते हैं।

देश भर में कंपनी के नवीनतम बैंकिंग उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विकास में तेजी आई है। बैंक लगातार तीन वर्षों से मुनाफे में हैं और वित्त वर्ष 2021 में पीएटी (कर पश्‍चात लाभ) 25.8% बढ़कर 37.5 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 20 में यह  29.8 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021 में बैंक का वार्षिक राजस्व 2,200 करोड़ रुपये रहा था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक, सबसे बड़ा यूपीआई लाभार्थी बैंक है और देश भर में फास्टैग जारी करने में भी अग्रणी है। पीपीबीएल उपयोगकर्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का लाभ उठाने की सुविधा देता है, जो भारत सरकार द्वारा एलपीजी गैस सब्सिडी, मनरेगा भुगतान, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं की सब्सिडी को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित करने की एक योजना है।

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