फरीदाबाद। सीआईएससीई और हरियाणा बोर्ड का सीनियर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम जल्द आने की संभावना है। ऐसे में बारहवीं के बाद छात्र करियर के बेहतरीन विकल्प तलाशने में जुटे हैं। कॉलेज में परंपरागत कोर्स में दाखिला लेने के अलावा कुछ छात्र रचनात्मक व्यावसायिक कोर्स करना चाहते हैं। इसी के मद्देनजर फरीदाबाद के लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी यूनिवर्सिटी) ने एक नए निर्माण की नींव रखीहै। जिसके अंतर्गत स्कूल ऑफ डिजाइन का अनावरण किया गया। जिसमें दाखिला लेकर छात्र न सिर्फ अपने सपनों को उड़ान दे सकते हैं, बल्कि सफलता की नई कहानी भी लिख सकते हैं।
संस्थान के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे ने बताया कि 12वीं के बाद छात्रों के लिए फैशन डिजाइन (बीडिजाइन) 4 वर्ष की व डिजाइन (M.S इन FD) 2 वर्ष की उपलब्ध है। वहीं इंटीरियर डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन (बीडिजाइन) 4 वर्ष की व इंटीरियर डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन (M.S. इन IDC) 2 वर्ष की है। ग्राफिक डिजाइन (बीडिजाइन) 4 वर्ष के लिए और ग्राफिक डिजाइन (M.S. इन GD) 2 वर्ष की है। इसके अलावा एनीमेशन एडं मल्टीमीडिया (बीडिजाइन) 4 वर्ष व एनीमेशन एडं मल्टीमीडिया (M.S. इन A&M) 2 वर्ष की उपलब्ध है। जिनमें दाखिला लेने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50 प्रतिशत अंक आने अनिवार्य है। इन कोर्सिस में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बैचलर ऑफ डिजाइन (बीडीएस) या बीडिजाइन स्नातक स्तर पर डिजाइन क्षेत्र में एक स्थापित डिग्री है।B.DES डिग्री ग्राफिक डिजाइन, एनीमेशन एडं मल्टीमीडिया, इंटीरियर डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन, फैशन डिज़ाइन और बहुत सी विभिन्न विशेषज्ञताओं में चार साल का कोर्स उपलब्ध है। जिनमें दाखिला लेने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वींव 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक आने अनिवार्य होंगे। इतना ही नहीं वही मास्टर ऑफ स्टडीज इन डिजाइन भी छात्रों के लिए रखी गई है। छात्र इंटीरियर डिजाइनिंग का विकल्प चुनने परइंटीरियर स्टाइलिस्ट, फर्नीचर डिजाइनर, प्रोडक्ट डिजाइनर, एग्जीबिशन डिजाइनर, सेट/स्टेज डिजाइनर में योग्य बन सकते है। वही ग्राफिक डिजाइन के विकल्प को चुनने परग्राफिक डिजाइनर, क्रिएटिव डायरेक्टर, UI/UX डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, एडवरटाइजर, वेब डिजाइनरवएनीमेशन एडं मल्टीमीडिया के विकल्प से UI/UX डिजाइनर, 2D/3D एनिमेटर, गेम डिजाइनर, VFX/SFX आर्टिस्ट, एडिटर/डायरेक्टर और मल्टीमीडिया में एक्सपर्ट बन सकते है। फैशन डिजाइनिंग में दाखिला लेने पर फैशन डिजाइनर, मर्चेंडाइजर, फैशन स्टाइलिस्ट, फैशन जर्नलिस्ट, फैशन इलस्ट्रेटर और फैशन क्रिटिक में डिजाइनरबन सकते हैं। स्कूल ऑफ डिजाइन के एचओडी रामीन डोगरा ने बताया कि आज के दौर में युवा वर्ग डिजीटलयुग में अपना करियर बनाना चाहते हैं। पिछले कुछ समय से डिजाइनर की मांग काफी बढ़ रही है। ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक लोग ग्राफिक का सहारा लेने लगे हैं। इसके जरिए चीजों को आसानी से समझा जा सकता है और यही कारण है कि डिजाइन के कोर्स छात्रों के बीच खासा पसंद किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर विद्यापीठ ने स्कूल ऑफ डिजाइन की शुरूआत करी है। उन्होंने बताया कि हमारी यह पहल एंटरप्रेन्योर और फ्रीलांसर बनाने का भी लक्ष्य रखते हैं।