Faridabad : डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद की आर्य समाज इकाई द्वारा बैसाखी के उपलक्ष्य में यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए प्राध्यापकों के साथ,सभी अध्यापकों तथा गैर शिक्षक कर्मचारियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या ने सभी सेवानिवृत प्राध्यापकों का स्वागत किया। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए बैसाखी पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बैसाखी का त्यौहार मुख्यतः किसानों का त्यौहार है। यह पंजाब और हरियाणा में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस समय रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है। इसके अतिरिक्त यह पर्व सिख नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। आज ही के दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
बैसाखी के शुभ अवसर पर गुरु गोविन्द सिंह और उनके पंच प्यारों को याद किया जाता है और उनके सम्मान में शब्द- कीर्तन किये जाते हैं। उन्होंने देश तथा समाज की रक्षा के लिए लड़ते लड़ते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हम सभी को भी सदा समाज की भलाई के लिए कार्य करने चाहियें अपना पूर्ण सहयोग देना चाहिए। अपने बच्चों को भी समाज भलाई के कार्यों के लिए प्रेरित करना चाहिए। स्वामी दयानंद सरस्वती ने भी इस उद्देश्य से ही आर्य समाज और डी ए वी संस्थाओं की स्थापना की थी। यज्ञ के पश्चात श्री अरुण भगत, सेवानिवृत अध्यक्षचर इंग्लिश विभाग द्वारा सभी के लिए ऋषि लंगर का आयोजन भी किया। सभी शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने ऋषि लंगर ग्रहण किया। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अमित शर्मा यज्ञाचार्य की भूमिका में रहे। महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए सभी प्राध्यापक विशेष रूप से इस यज्ञ में शामिल हुए। इनके अतिरिक्त डॉ अर्चना सिंघल, डॉ शिवानी, डॉ प्रिया कपूर, डॉ मीनाक्षी हुड्डा, डॉ सुरभि, डॉ अंकिता, डॉ ललिता ढींगरा आदि प्राध्यापक तथा महाविद्यालय के सभी कर्मचारी इस अवसर पर उपस्तिथ रहे।