February 22, 2025

आजादी के दीवाने तीन मस्तानों ने खुशी-खुशी फांसी के फंदे को चूमा था : कृष्ण अत्री

0
6
Spread the love

Faridabad News : एनएसयूआई फ़रीदाबाद के कार्यकर्ताओ ने पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज के प्रांगण में बलिदान दिवस मनाया। इस विशेष दिन पर, देश पर जान न्योछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा को फूल माला चढ़ा कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने की।

इस दौरान कृष्ण अत्री ने क्रांतिवीर भगतसिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को ग्राम बंगा ( जिला लायलपुर, पंजाब ) में हुए था। भगतसिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। वे देश की आजादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया, वह भुलाया नही जा सकता। इन्होंने पहले लाहौर में सांडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय असेम्बली में चंद्रशेखर आजाद और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलंदी प्रदान की।

अत्री ने बताया कि भगतसिंह इतने बहादुर थे की उन्होंने संसद में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया । जिसके फलस्वरूप इन्हें 24 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु और सुखदेव के साथ फाँसी पर लटकाने का फरमान किया गया था। भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव की फाँसी का देश भर में व्यापक विरोध हो रहा था । इससे डरकर धूर्त अंग्रेजो ने एक दिन पूर्व 23 मार्च की शाम को इन्हें लाहौर की जेल में फाँसी दे दी और इनके पार्थिव शरीरों को परिवारजनों की अनुपस्थिति में जला दिया गया।

वही कृष्ण शर्मा और सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर अजित त्यागी ने सामूहिक रूप से कहा कि 23 मार्च एक ऐसा दिन है, जो क्रांति के नाम है। 23 मार्च को सिर्फ इसलिए याद नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस दिन अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी थी। बल्कि इसे इस रूप में याद किया जाना चाहिए कि आजादी के दीवाने तीन मस्तानों ने खुशी-खुशी फांसी के फंदे को चूमा था। इस दिन को इस रूप में याद किया जाना चाहिए कि इन तीनों ने भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

इस मौके पर नेहरू कॉलेज उपाध्यक्ष अभिषेक वशिष्ठ, कृष्ण चौहान, सोनू , रोहित कबीरा , हरिचंद, रविंदर, सागर, विक्रम सिंह, उमेश, सौरभ, सुमित, विक्की, आरिफ, शुभम आदि ने फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किए।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *