February 20, 2025

गुरु कृपा, धैर्य, दृढ़ता और निरंतर ध्यान द्वारा साधक भक्ति पथ के शिखर को प्राप्त करता है

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New Delhi News, 02 July 2019 : इसमें कोई संदेह नहीं है कि कंप्यूटर के आधुनिक वैज्ञानिक युग ने हमें अत्यधिक महत्वाकांक्षी बना दिया है, व आज मानवीय जीवन के अनमोल रत्न जैसे कि आनंद की अनुभूति, तनाव मुक्त जीवन आदि लूट लिए है। आज की अति व्यस्त दिनचर्या ने दिमाग को बोझिल करते हुए जीवन को तनाव का ही प्रतिरूप बना दिया है। भौतिक संसार में उलझकर मानव की ऊर्जा का ह्रास होता रहता है। मानव की श्रेष्ठ जीवन हेतु सार्वकालिक खोज एक सार्थक जीवन जीने के सर्वोत्तम संभव तरीके खोजने के लिए प्रेरित करती है।

भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण करने हेतु व आध्यात्मिक पथ पर विश्वास व दृढ़ता को स्थापित करने के लिए, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा दिव्य धाम आश्रम, नई दिल्ली में मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रद्धेय गुरुदेव की दिव्य कृपा द्वारा वातावरण में दिव्य ऊर्जा का अनुभव सभी उपस्थित भक्तों ने किया। संत समाज व भक्तों द्वारा भक्ति संगीत ने मन को प्रभु में एकाग्र करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आध्यात्मिक प्रवचन सत्र द्वारा साधकों के समक्ष इस तथ्य को समझाया कि भक्ति पथ पर आने वाली कठिनाइयाँ बाधक नहीं अपितु साधक हैं। सर्वोच्च लक्ष्य और आध्यात्मिकता को प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को कोई भी बाधा या कठिनाई रोक नहीं सकती है। जीवन में कठिन व संघर्षपूर्ण परिस्थितियों रूपी रात्रि का अंधकार धीरे-धीरे भक्ति रूपी प्रकाशमय प्रभात की ओर बढ़ ही जाता है। गुरु कृपा, धैर्य, दृढ़ता और निरंतर ध्यान द्वारा साधक भक्ति पथ के शिखर को प्राप्त कर लेता है।
गुरुदेव पारस के समान है जो शिष्य की लोहे समान प्रवृत्तियों को सोने में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं। सतगुरु अक्षम व निर्बल शिष्य का संबल बनकर उसे भी भक्ति की कठिन डगर पर सफल बना देते हैं। शिष्य को समाज की बुराइयों व विकृतियों से बचाने हेतु वह अपनी दिव्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। सतगुरु मानव समाज पर निरंतर अपनी करुणा की वर्षा करते हैं, जिस प्रकार जब मेघ बरसते हैं तो वह भेद नहीं करते उसी प्रकार सतगुरु की कृपा भी भेद नहीं करती, वे सभी को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर भक्ति का मार्ग प्रदत्त करते हैं। ब्रहमज्ञान द्वारा दीक्षित भक्त जीवन में आध्यात्मिक शक्ति स्रोत की प्राप्ति कर पाते है।

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा प्रदत्त अमूल्य अनुभव व विचार जन-जीवन में रचनात्मक बदलाव लाने में मदद करेंगे। प्रत्येक आध्यात्मिक विचार ने भक्तों को सही गंतव्य पर ध्यान केंद्रित करने हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में ध्यान सत्र द्वारा साधकों ने विश्व शांति हेतु सामूहिक प्रार्थना की|

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