Faridabad News, 14 Sep 2020 : हालांकि केंद्र सरकार ने कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन को अनलॉक प्रक्रिया में परिवर्तित कर दिया है, और पूरा देश इस प्रक्रिया में है, परंतु लाकडॉऊन व कोरोना कार्यकाल के दौरान शीर्ष औद्योगिक व सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए कार्यों का आंकलन किया जाए तो स्पष्ट है कि क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक संगठन फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस कड़ी चुनौती के दौर में वह उपलब्धियां अर्जित की, जो वर्तमान परिवेश में अपना उदाहरण आप है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बी आर भाटिया के नेतृत्व में फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व इसके सदस्यों ने ना केवल मानव सेवा तथा समाज हित के कार्यों किए, बल्कि औद्योगिक समस्याओं के समाधान हेतु भी प्रभावी पग उठाए गए।
एसोसिएशन के सदस्यों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने दायित्व को समझा। प्रधान के रूप में श्री भाटिया ने सदस्यों से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना आर्थिक सहयोग दें, जिसका परिणाम ही रहा कि एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा तीन करोड़ से अधिक की राशि प्रधानमंत्री केयर फंड व 31 लाख रुपए से अधिक की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की गई।
श्री भाटिया का इस संबंध में कहना है कि यह राहत राशि प्रदान करना उस समय काफी मुश्किल इसलिए था क्योंकि औद्योगिक संस्थान बंद थे और हालात काफी खराब थी, परंतु एफआईए सदस्यों ने यह सिद्ध कर दिखाया कि राष्ट्रहित और देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई है।
यही नहीं दिल्ली से लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों ने जब अपने प्रदेशों की ओर पलायन किया तो एफआईए सदस्य मथुरा रोड पर सेवा और खाने के साथ जुट गए। लंगर व प्रसाद के रूप में हजारों लोगों को भोजन सामग्री उपलब्ध कराई गई।
श्री भाटिया के अनुसार फरीदाबाद के उद्यमियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह दूसरों के दर्द को अपना मानते हैं और यही विशेषता भोजन वितरण के दौरान भी दिखाई दी।
एफआईआई ने इस जटिल परिस्थिति में सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट जैसी आवश्यक चीजें पुलिस प्रशासन, कर्मचारियों व आम जनता को उपलब्ध कराए।
श्री भाटिया, जिनके कार्यकाल का यह प्रथम वर्ष है, का मानना है कि वर्ष 2020 वास्तव में चुनौतियों व जोखिम से भरा रहा, परंतु उन्हें गर्व है कि उन्हें एक प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थान का नेतृत्व करने का अवसर मिला।
ऐसा नहीं है कि एफआईए ने लॉकडाउन के दौरान केवल समाजसेवा व मानव हितैषी कार्यों को ही अंजाम दिया। अपने वास्तविक उद्देश्य उद्योग वर्ग की सेवा व औद्योगिक समस्याओं के समाधान में भी श्री भाटिया के कुशल नेतृत्व में एफआईए तत्पर देखी गई। लॉकडाउन के उपरांत जब उद्योगों को खोलने की अनुमति दी गई तो साथ ही यह शर्त रखी गई कि संस्थान में श्रमिकों के संक्रमित होने पर उद्यमी विरूद्ध मामला दर्ज किया जाएगा। श्री भाटिया के नेतृत्व में एफआईए ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तक इस आवाज को उठाया। सरकार ने एफआईए की मांग के अनुरूप इस शर्त को हटा लिया, यही नहीं फैक्ट्रियों को खोलने की प्रक्रिया, बाजार खोलने का क्रम, उद्योगों में सोशल डिस्टेंस व सैनिटाइजेशन अभियान जैसे प्रोजेक्टों में भी एफआईए तत्पर दिखाई दी।
बिजली बिलों के फिक्स्ड चार्जेस को माफ कराने, मोरटोरियम को उद्योग हित में बढ़ाने, केंद्र सरकार के अतिरिक्त फंड संबंधी स्कीम, एमरजेंसी फंड की घोषणा, ऑनलाइन वर्कशॉप व सेमिनार भी ऐसे प्रोजेक्ट रहे जिसे श्री भाटिया के नेतृत्व में एफआईए ने सफलतापूर्वक पूरा किया।
एफआईए सदस्यों की मानें तो जटिल परिस्थितियों में भी श्री भाटिया के नेतृत्व में जो कार्य किए गए, वह सराहनीय है यही कारण है कि आज श्री भाटिया के प्रधान कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा होने पर सदस्य उत्साहित दिखाई दे रहे हैं, परंतु दूसरी ओर स्वयं श्री भाटिया का मानना है कि जो कुछ भी किया गया वह वास्तव में टीम भावना का ही परिणाम है। श्री भाटिया अपने प्रथम वर्ष में चुनौतियों के बावजूद उपलब्धियों का श्रेय एफआईए की कार्यकारिणी व सदस्यों के विश्वास को देते हैं, साथ ही एफआईए कार्यालय की भी सराहना करते हैं। श्री भाटिया के अनुसार जो उपलब्धियां अर्जित की गई वह एसोसिएशन के पूर्व प्रधान केसी लखानी, एचआर गुप्ता, एसके जैन, सुनील गुलाटी, नवदीप चावला व संजीव खेमका के सहयोग व आशीर्वाद तथा एसोसिएशन के महासचिव जसमीत सिंह व अन्य पदाधिकारियों की टीम भावना व सहयोग के बिना संभव नहीं था।
आपका कहना है कि एक परिवार के रूप में एफआईआई के प्रयास जारी रहे और भविष्य में भी जारी रहेंगे, ऐसे में उपलब्धियों का श्रेय प्रधान व पदाधिकारियों को नहीं बल्कि प्रत्येक उस सदस्य को जाता है जो एफआईए परिवार का अभिन्न अंग है।